जानिए, आषाढ़ शुक्ल पक्ष का पाक्षिक पंचांग

पं. हेमन्त रिछारिया
'वेबदुनिया' के पाठकों के लिए 'पाक्षिक-पंचांग' श्रंखला में प्रस्तुत है आषाढ़ शुक्ल पक्ष का पाक्षिक पंचांग-
 
'पाक्षिक-पंचांग' : आषाढ़ शुक्ल पक्ष
 
संवत्सर- परिधावी
संवत्- 2076 शक संवत् :1941
माह-आषाढ़
पक्ष- शुक्ल पक्ष (3 जुलाई से 16 जुलाई तक)
ऋतु: वर्षा
रवि: उत्तरायणे
गुरु तारा- उदित स्वरूप
शुक्र तारा- उदित स्वरूप
सर्वार्थ सिद्धि योग- 4 जुलाई, 7 जुलाई, 12 जुलाई, 14 जुलाई
अमृतसिद्धि योग- 3 जुलाई
द्विपुष्कर योग- अनुपस्थित
त्रिपुष्कर योग- अनुपस्थित
रविपुष्य योग- अनुपस्थित
गुरुपुष्य योग- 4 जुलाई
एकादशी- 12 जुलाई (देवशयनी एकादशी व्रत)
प्रदोष- 14 जुलाई
भद्रा- 5 जुलाई (उदय)- 6 जुलाई (अस्त), 8 जुलाई (उदय-अस्त), 12 जुलाई (उदय-अस्त), 15 जुलाई (उदय)- 16 जुलाई (अस्त)
पंचक: अनुपस्थित
मूल- 4 जुलाई से प्रारंभ- 6 जुलाई को समाप्त, 13 जुलाई से प्रारंभ- 15 जुलाई को समाप्त
पूर्णिमा- 16 जुलाई (गुरु पूर्णिमा)
ग्रहाचार: सूर्य- मिथुन, चंद्र- (सवा दो दिन में राशि परिवर्तन करते हैं), मंगल- कर्क, बुध-कर्क, गुरु- वृश्चिक, शुक्र- मिथुन, शनि- धनु, राहु- मिथुन, केतु- धनु
व्रत/त्योहार: 3 जुलाई-गुप्त नवरात्रि प्रारंभ, 4 जुलाई- श्री जगन्नाथ रथयात्रा, 10 जुलाई- भड़ली नवमी (अबूझ विवाह मुहूर्त), 12 जुलाई- देवशयन, 16 जुलाई-गुरु पूर्णिमा/ खंडग्रास चंद्रग्रहण
 
(विशेष- उपर्युक्त गणनाओं में पंचांग भेद होने पर तिथियों/योगों में परिवर्तन संभव है।)
 
- ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया 
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र 
सम्पर्क: astropoint_hbd@yahoo.com
 
ALSO READ: आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि कब है, 9 दिनों में 7 दिन रहेंगे विशेष संयोग

सम्बंधित जानकारी

अगला लेख