1. सूर्य को अर्घ्य दें : इस दिन सूर्य देव को अर्घ्य देने का विशेष महत्व बतलाया गया है, क्योंकि सूर्य मकर में होकर संपूर्ण धरती पर सकारात्मक प्रभाव देता है। पौष पूर्णिमा के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करके नारंगी और हल्के लाल रंग के वस्त्र धारण करके सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित करना चाहिए।
3. स्नान : ऐसा कहा जाता है कि पौष मास के समय में किए जाने वाले धार्मिक कर्मकांड की पूर्णता पूर्णिमा पर स्नान करने से सार्थक होती है। इस दिन तिल से स्नान करने से दुर्भाग्य दूर होता है और सौंदर्य प्राप्त होता है। स्नान से पूर्व वरुणदेव को प्रणाम करें और स्नान के पश्चात भगवान मधुसूदन की पूजा करके उन्हें नैवेद्य अर्पित करें।
4. दान : पौष पूर्णिमा कर चावल और दूध का दान करना शुभ माना जाता है। इसके अलावा सीधा और वस्त्र दान करने से भी पुण्य की प्राप्त होती है। चावल का दान करने से कुंडली में चंद्र दोष दूर होता है। दान में तिल, गुड़, कंबल और ऊनी वस्त्र विशेष रूप से देने चाहिए।