सितंबर महीना आधे से ज्यादा बीत चुका है। इस माह ग्रहों में खासे परिवर्तन देखे जा रहे हैं। गुरु, सूर्य, राहु, केतु, शुक्र, बुध, मंगल की स्थितियों में बदलाव देखा जा रहा है। कुछ ग्रह राशि बदल चुके हैं कुछ बदलने वाले हैं, आइए डालते हैं एक नजर...
शुक्र का कर्क राशि में गोचर:
शुक्र का कर्क राशि में गोचर 1 सितंबर को हो चुका है। इस राशि में शुक्र 28 सितंबर तक स्थित रहेगा। कर्क चंद्र ग्रह की राशि है और शुक्र चंद्र ग्रह को अपना शत्रु मानता हैं इसलिए कर्क राशि में शुक्र का फल बहुत ज्यादा शुभ नहीं होगा। अन्य राशियों पर भी इसका विपरीत असर देखने को मिल सकता है।
बुध का कन्या राशि में गोचर:
2 सितंबर को बुध ग्रह अपनी स्वराशि कन्या में प्रवेश कर चुका। इसके बाद यह 22 सितंबर को तुला में चला गया है। बुध के कन्या राशि में गोचर को कुछ राशियों के लिए शुभफलदायी माना जा रहा है। तो वहीं तुला राशि में बुध का प्रवेश सभी राशियों के लिए मिलाजुला असर दिखाएगा।
मंगल की वक्री चाल
मंगल ग्रह 10 सितंबर से मेष राशि में वक्री हो गया है और फिर यह 14 नवंबर को मार्गी होगा। मंगल की वक्री चाल 66 दिनों की है। क्रूर ग्रह माने जाने वाले मंगल की टेढ़ी चाल का असर कुछ राशियों के लिए अच्छा संकेत नहीं माना जा रहा है। इससे कुछ राशियों को नुकसान उठाना पड़ सकता है। हालांकि कुछ राशियों को इसका लाभ भी प्राप्त होगा। मेष और वृश्चिक को सतर्क रहना होगा।
गुरु मार्गी
देवगुरु बृहस्पति 13 सितंबर को अपनी राशि धनु में मार्गी गए हैं। गुरु की सीधी चाल का असर कई राशि के जातकों के लिए बेहद शुभ फलदायी माना जा रहा है। ज्योतिष में गुरु को धन, स्वर्ण और सुख सुविधा का कारक माना जाता है।
सूर्य कन्या राशि में
सूर्य ग्रह सितंबर की 16 तारीख को अपनी स्वराशि सिंह से निकल कर कन्या राशि में प्रवेश कर गए हैं। फिर अक्टूबर की 17 तारीख को ये अपनी नीच राशि तुला में जाएगा। सूर्य के इस गोचर का प्रभाव कुछ राशियों के लिए शुभ तो कुछ राशियों के लिए अशुभ रह सकता है। जिन जातकों पर सूर्य की शुभ दशा चल रही है उन्हें इस गोचर से लाभ प्राप्त हो सकता है।
राहु वृष में
राहु ग्रह 23 सितंबर को अपनी चाल बदल रहा है। राहु मिथुन राशि से वृष राशि में गोचर करेगा और 12 अप्रैल 2022 तक इसी राशि में स्थित रहेगा। राहु की चाल हमेशा उल्टी दिशा में होती है। राहु का राशि परिवर्तन इस साल की सबसे बड़ी ज्योतिषीय घटनाओं में से एक है। अतः इसका प्रभाव भी सभी राशियों पर जबरदस्त तरीके से होगा।
केतु वृश्चिक राशि में
केतु ग्रह 23 सितंबर से वृश्चिक राशि में गोचर करेगा। केतु का गोचर इस साल की बड़ी ज्योतिषीय घटनाओं में से एक है। केतु के इस गोचर का असर सभी राशियों पर पड़ेगा। यह प्रभाव शुभ-अशुभ रूप में हो सकता है। वैदिक ज्योतिष में केतु ग्रह को एक छाया ग्रह है। यह मोक्ष, अध्यात्म और वैराग्य का कारक है और रहस्यमयी ग्रह है।