रात का दूसरा प्रहर : रात के दूसरे प्रहर को निशिथ कहते हैं। यह प्रहर रात की 9 बजे से रात की 12 बजे के बीच का होता है। इस प्रहर में तामसिक और राजसिक अर्थात दोनों ही गुणों की प्रधानता होती है लेकिन यह पूर्णत: नकारात्मक नहीं होता। इस प्रहर में जन्म लेने वालों बच्चों के अंदर कलात्मक क्षमता बहुत होती है। हालांकि देखा गया है कि उनकी शिक्षा में बाधा के योग बनते हैं। यदि शिक्षा पूर्ण नहीं होगी या शिक्षित नहीं होगा तो आगे का उसका भविष्य भी अंधकार से घिरा होगा ऐसा जरूरी नहीं है।