भारत के 12 भविष्यवक्ता और उनकी प्रसिद्ध भविष्यवाणियां

अनिरुद्ध जोशी
मंगलवार, 31 दिसंबर 2019 (09:20 IST)
भारत में भविष्यवाणियों की कई प्राचीन किताबें हैं और प्राचीन काल में कई ऐसे लोग भी हुए हैं जिन्होंने भारत और विश्‍व के संबंध में कई तरह की भविष्यवाणियां की हैं। इसी तरह आधुनिक युग में भी कई भविष्यवक्त हुए हैं। आप जानिए कुछ खास लोग और उनकी भविष्यवाणियों के बारे में।
 
 
1.स्वामी विवेकानंद : स्वामी विवेकानंद ने भविष्यवाणी करते हुए कहा था- 'भारत का पुनरुत्थान होगा, पर वह जड़ की शक्ति से नहीं, वरन् आत्मा की शक्ति के द्वारा। वह उत्थान विनाश की ध्वजा लेकर नहीं, वरन् शांति और प्रेम की ध्वजा से, संन्यासियों के वेश से, धन की शक्ति से नहीं, बल्कि भिक्षापात्र की शक्ति से संपादित होगा।' (विवेकानंद साहित्य पुस्तक, भाग 9 पृ. 380)।
 
 
स्वामीजी ने कहा- 'मैं अपने मानस चक्षु से भावी भारत की उस पूर्णावस्था को देखता हूं, जिसका तेजस्वी और अजेय रूप में वेदान्ती बुद्धि और इस्लामी शरीर के साथ उत्थान होगा...। हमारी मातृभूमि के लिए इन दोनों विशाल मतों का सामंजस्य- हिन्दुत्व और इस्लाम- वेदान्ती बुद्धि और इस्लामी शरीर- यही एक आशा है।'
 
 
2.स्वामी शिवानन्द के अनुसार- आज विश्व में जो भी घटनाएं घटित हो रही हैं वह शास्त्रानुार पहले से ही सुनिश्चित है। भविष्य पुराण में भगवान वेद व्यास जी ने स्वयं भविष्यवाणी की है कि 4,900 शताब्दि कलियुग बीतने के पश्चात् भारत में बौद्धों का राज्य होगा, तदन्तर आद्य शंकराचार्य जी का प्रादुर्भाव के साथ ही वैदिक धर्म का प्रचार-प्रसार होगा और मनुस्मृति के आधार पर राजा राज्य करेंगें। पुनः 300 वर्षो तक भवनों तथा 200 वर्ष तक ईसाईयों का राज्य रहेगा। उसके बाद मौन (मत पत्रों) का राज्य रहेगा, जो 11 टोपी (राष्ट्रपति) तक चलेगा।
 
 
यह क्रम लगभग 50 वर्ष तक चलेगा। इसके बाद से किसी भी पार्टी को बहुमत प्राप्त नहीं हो सकेगा। मंहगाई-भ्रष्टाचार बढ़ेगें। माता-पिता, साधु-सन्त, ब्राह्मण-विद्वान अपमानित होगें, तब भयानक युद्ध होगा। भारत पुनः अपने अस्तित्व में आकर विश्व गुरु पद पर स्थापित होगा। भारत में शास्त्रानुसार पुनः राज्य परम्परा की स्थापना होगी।- (राष्ट्रीय सहारा समाचार पत्र, वाराणसी, 8 सितम्बर, 1998)
 
 
उत्तरांचल के प्रसिद्ध संत शिवानन्दजी के अनुसार भारत को सही रास्ता दिखाने वाले नेता का जन्म हो चुका है। भारत की प्रतिष्ठा विश्व में निरंतर बढ़ती रहेगी।
 
 
3.संत बाबा जय गुरुदेव : जय गुरुदेव ने भी भारत के संबंध में कई तरह की भविष्यवाणियां की है। उन्होंने भारत में एक ऐसे शासक के जन्म की बात कही है जो कि भारत से सभी तरह की बुराइयों को मिटा देगा।
 
महाबली एक शासक होगा, धर्म मुकुट सिर पर धारेगा ।
धरा से देगा पाप हटाय, ये जय गुरुदेव की बानी ।।
 
संत बाबा जय गुरुदेव ने कहा है कि भारतवर्ष में महान आत्मा का जन्म हो चुका है। ...भविष्य में भारत का राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री शाकाहारी-सदाचारी होगा। ...आगे खरे लोगों का समय आएगा। संसार में एक नई लहर फैलेगी। ईमानदार, धार्मिक व सच्चे लोगों को महत्व दिया जाने लगेगा। नीच व कुटिल लोगों के बुरे दिन आएंगे। हिन्दू धर्म में एक फकीर पैदा होगा, जो देश व दुनिया को बदल देगा।
 
 
4. संत ध्यान योगी : बंगाल के सुप्रसिद्ध भविष्यवक्ता तथा संत ध्यान योगी के कथनानुसार संसार को सतयुग का प्रकाश देने वाली आत्मा का जन्म भारत वर्ष में हो चुका है।
 
5. कीर्तिधरण सिंगापुर : ईश्वर का जन्म भारत में हो चुका है। इसे ही हमारे ग्रन्थों में ईश्वर अवतार (कल्कि अवतार) कहा गया है।
 
6. डॉ. नारायण दत्त श्रीमाली : राजस्थान के ज्योतिषाचार्य डॉ. नारायण दत्त श्रीमाली के ‘भारत में ईश्वर का जन्म हो चुका है और वह जल्द ही समाज के सामने प्रकट होगा।'
 
7. महात्मा तिश्वरंजन ब्रह्मचारी : तिश्वरंजन के अनुसार देश में एक महान आध्यात्मिक क्रांति होगी तथा इस क्रांति का संचालन यद्यपि मध्यभारत से ही होगा पर उसका संबंध भारत वर्ष के हर प्रान्त से होगा।
 
8.विचारक मूर्ति : दक्षिण भारत के संत तथा विचारक मूर्तिजी के अनुसार कल्कि भगवान का अवतार भारत में हो चुका हैं। भारत आयुर्वेद, ज्योतिष आदि ज्ञान में विशेष प्रगति करेगा। भारत के चतुर्दिक जो छोटे-छोटे देश हैं वे सब भारत वर्ष में मिल जाएंगे।
 
9. योगी आनन्दाचार्य : नार्वे में कभी रहे संत योगी आनन्दाचार्य के अनुसार सन् 1995 तक विश्व में शक्तिशाली देशों में भारत का नाम छठे स्थान में होगा। सन 1971 के बाद भारत शक्तिशाली बनेगा। सन् 1975 के बाद विश्व में संस्कृत भाषा का तीव्रता से विकास होगा और पाश्चात्य में भी संस्कृत भाषा को पूर्ण मान्यता मिलेगी।
 
10. निर्वाणानन्दजी : गंगोत्री के प्रसिद्ध सन्त निर्वाणानन्दजी के अनुसार भारत आध्यात्मिक दृष्टि से उन्नति करेगा। युग परिवर्तन की प्रक्रिया अप्रैल 1999 से चालू होगी। 
 
11. बाबाजी लक्ष्मणदास मदान : मदान के अनुसार सन् 1998 में अप्रैल माह तक कोई विलक्षण व अलौकिक शक्ति संपन्न भारतीय संत पूरे विश्व का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट करेगा।
 
12. प्रो. ए.के. दुबे पदमेश : विख्यात भविष्यवक्ता प्रो. ए.के. दुबे पदमेश के अनुसार सन् 2000 के आसपास ही भविष्य का अवतारी पुरुष प्रकट होगा। यह अवतारी पुरुष चमत्कारी शक्तियों के कारण अल्पायु में ही ख्याति प्राप्त करेगा। वह एक ही ईश्वर की पूजा का संदेश देगा, मगर कोई नया धर्म नहीं चलाएगा। संसार के अनेक देशों में वह सत्ता परिवर्तन का कारण बनेगा, मगर उन देशों का शासन अपने द्वारा नियुक्त लोगों से कराएगा।

 
संदर्भ : 
1. विश्व की आश्चर्यजनक भविष्यवाणियां : लेखक नरेन्द्र शर्मा, प्रकाशक- पवन पॉकेट बुक्स, दिल्ली।
2. अमर भविष्यवाणियां : लेखक- डॉ. नारायण दत्त श्रीमाली, प्रकाशक- मयूर पेपर बैक्स, नई दिल्ली।
3- दुर्लभ भविष्यवाणियां : लेखक अशोक कुमार शर्मा, प्रकाशक- तुलसी पब्लिकेशन, मेरठ, उत्तरप्रदेश।
 

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