आप धनवान बन पाएंगे या नहीं, जानिए आईने में देखकर...

अनिरुद्ध जोशी
सामुद्रिक शास्‍त्र के अनुसार शारीरिक बनावट और शरीर पर मौजूद निशानों से पता लगाया जा सकता है कि भाग्य में राजयोग है या नहीं? आप धनवान बन पाएंगे या नहीं? आप भी आज ही आईने में देखिए कि कैसी है आपके शरीर की बनावट और कौन-से हैं उस पर निशान? शुभ निशान स्त्री के बाएं हिस्से और पुरुषों के दाएं हिस्से में होते हैं। आओ जानते हैं धनवान बनने के 14 शुभ निशान।
 
 
1. जिस व्यक्ति की छाती चौड़ी, नाक लंबी और नाभि गहरी होती है, उसको कम उम्र में ही अपार सफलता मिल जाती है और उसके सारे सपने पूरे हो जाते हैं। ऐसे लोगों के पास कई प्रॉपर्टियां होती हैं और वह अपने परिवार को सुखी रखता है।
 
 
2. जहां तक निशान की बात करें तो जिन लोगों के पैर के तलवे में अंकुश, कुंडल या चक्र का निशान होता है, वह एक अच्छा शासक, बड़ा व्यापारी, अधिकारी या राजनेता बनता है।
 
 
3. इसी तरह यदि महिलाओं के बाएं हाथ की हथेली के बीच में तिल, ध्वजा, मछली, वीणा, चक्र या कमल जैसी आकृतियां बनती हैं, तो वे लक्ष्मी समान मानी जाती हैं। ऐसी महिलाएं जहां भी जाती हैं, वहां धन और खुशियों का ढेर लगा देती हैं।
 
 
4. यदि पुरुषों के बात करें तो जिसके हाथों या पैरों में मछली, अंकुश या वीणा जैसे दिखने वाले निशान होते हैं, वह कम समय में पैसा और प्रतिष्ठा कमा लेता है।
 
 
5. जिस जातक की हथेली के बीचोबीच तिल होता है, वह बेहद धनवान और समाज में प्रतिष्ठित बनता है। हाथ के अलावा जिन लोगों के पैरों के तलवे पर तिल, चंद्रमा या वाहन जैसा दिखने वाला निशान होता है, उन्हें कई तरह के वाहनों का सुख मिलता है और वह कई देशों की यात्रा करने वाला भी होता है।
 
 
6. जिस स्त्री या पुरुष के पैर में पहिए या चक्र के अलावा कमल, बाण, रथ या सिंहासन जैसा निशान होता है, उसे पूरे जीवन भूमि-भवन जैसी सुख-सुविधाएं मिलती हैं।
 
 
7. जिस व्यक्ति की छाती पर अधिक बाल होते हैं, वह संतोषी प्रवृत्ति का होता है। ऐस लोग अमूमन धनी ही होते हैं या फिर अधिक धनी नहीं तो इनकी जिंदगी में उतना धन हमेशा होता है जितने कि इनको जरूरत रहती है।
 
 
8. जिस व्यक्ति के हाथ में 5 नहीं बल्कि 6 अंगुलियां होती हैं, ऐसे लोगों का भाग्य तेज होता है। ये लोग हर चीज में अधिक फायदा कमाने वाले और हर काम में छानबीन करने वाली प्रवृत्ति के होते हैं लेकिन साथ ही येलोग ईमानदार और मेहनती भी होते हैं।
 
 
9. जिन लोगों के माथे के दाहिने हिस्से पर तिल होते है, उन लोगों की आर्थिक स्थिति काफी मजबूत होती है। दाएं गाल पर तिल धारण करने वालों के धनवान होने की मान्यता है।
 
 
10. 
अंगुष्ठयवैराढयाः सुतवन्तोगुंष्ठमूलगैश्च यवै:।
दीर्घागंलिपवार्ण सुभगो दीर्घायुषश्चैव।।
अर्थात धनी मनुष्यों के अंगूठे में यव का चिन्ह होता है। अंगूठे के मूल में यव का चिन्ह हो तो वे पुत्रवान होते हैं। यदि अंगुलियों के पर्व लंबे हो तो वह भाग्यशाली व दीर्घायु होता है।
 
 
11.
स्निगधा नित्ना रेखार्धाननां व्यव्यएन नि:स्वानाम्।
विरलागंलयो नि:स्वा धनसज्जायिनो घनागंलय:।।
अर्थात धनी मनुष्यों के हाथ की रेखाएं चिकनी और गहरी होती हैं, दरिद्रों की इससे विपरीत होती हैं। बीडर अंगुलियों वाले पुरुष धनहीन और घनी अंगुलियों वाले धन का संचय करने वाले होते हैं।
 
 
12.
मकर-ध्वज-कोष्ठागार-सन्निभार्भर्महाधनोपेता:।
वेदीनिभेन चैवाग्रिहोत्रिणो ब्रम्हतीर्थम।।
अर्थात् जिसके हाथ में मकर, ध्वज, कोष्ठ और मन्दिर के चिन्ह विशेष की रेखाएं हों, तो वह व्यक्ति महाधनी होता है और ब्रम्हतीर्थ अथवा अंगुष्ठ मूल में वेदी के समान चिन्ह हो, तो वह अग्निहोत्री होता है।
 
 
13.
चक्रासि-परशु-तोमर-शक्ति-धनु:-कुन्तासन्निभा रेखा।
कुर्वन्ति चमूनार्थं यज्वानमुलूखलाकारा।।
अर्थात् जिसके हाथ में चक्र, तलवार, फरसा, तोमर, शक्ति, धनुष और भाले की सदृश रेखाएं हों, तो वह जातक सेना, पुलिस आदि में उच्च पद पर आसीन होता है। ओखरी के समान रेखा हो, तो वह पुरुष विधिपूर्वक यज्ञ करने वाला होता है।
 
 
14.
वापी-देवगृहाद्यैर्धर्मं कुर्वन्ति च त्रिकोणाभि:।
अंगुष्ठमूलरेखा: पुत्रा: स्युर्दारिकाः सूक्ष्मा।।
अर्थात् यदि किसी जातक के हाथ में बावली, देव मन्दिर अथवा त्रिकोण का चिन्ह हो, तो वे मनुष्य धर्मात्मा होते हैं और अंगूठे के मूल में मोटी रेखाएं पुत्रों की मानी जाती हैं तथा सूक्ष्म रेखाएं कन्याओं की मानी जाती हैं।

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