1.संक्रांति दोष : सूर्य की 12 संक्रातियां होती हैं। उनमें से कुछ शुभ और कुछ अशुभ मानी गई हैं। ग्रहों की संक्रांतियों के नाम घोरा, ध्वांक्षी, महोदरी, मंदा, मंदाकिनी, मिश्रा और राक्षसी इत्यादि हैं। कहते हैं कि सूर्य की संक्रांति में जन्म लेने वाला दरिद्र हो जाता है इसलिए शांति करानी आवश्यक है।
2.माता-पिता के नक्षत्र में हुआ है जन्म तो करें ये उपाय
कहते हैं कि यदि माता-पिता या सगे भाई-बहन के नक्षत्र में जातक का जन्म हुआ है तो उसको मरणतुल्य कष्ट होता है, ऐसा ज्योतिष मानते हैं।
उपाय- इस दोष निवारण हेतु किसी शुभ लग्न में अग्निकोण से ईशान कोण की तरफ जन्म नक्षत्र की सुंदर प्रतिमा बनाकर कलश पर स्थापित करें फिर लाल वस्त्र से ढंककर उपरोक्त नक्षत्रों के मंत्र से पूजा-अर्चना करें फिर उसी मंत्र से 108 बार घी और समिधा से आहुति दें तथा कलश के जल से पिता, पुत्र और सहोदर का अभिषेक करें। यह कार्य किसी पंडित के सान्निध्य में विधिपूर्वक करें।