शनि का राशि परिवर्तन, किस राशि की साढ़ेसाती पर क्या होगा प्रभाव, जानिए...

* शनि के राशि परिवर्तन का क्या होगा आप पर प्रभाव, पढ़ें 12 राशियां... 
 

ग्रह-नक्षत्रों की चाल एक बार फिर से बदलने वाली है। इस बार शनि जैसे पराक्रमी और बलवान ग्रह ढाई वर्ष बाद स्थान परिवर्तन करने वाले हैं। 26 जनवरी को संध्या 7.28 बजे भारतीय समयानुसार शनि वृश्चिक से धनु राशि में प्रवेश कर रहे हैं। शनि अब 23 जनवरी 2020 तक धनु राशि में ही विराजमान रहेंगे।

शनिदेव के इस भ्रमण से सभी ग्रह-नक्षत्रों में हलचल स्वाभाविक है। उल्लेखनीय है कि सूर्य, शनि, राहु और केतु के राशि परिवर्तन से सबसे अधिक प्रभाव देखने को मिलते हैं। 
 
अतएव इस महत्वपूर्ण राशि परिवर्तन से सभी राशियों पर असर पड़ना तय है। शनि के राशि परिवर्तन से कई राशियों पर चल रही साढ़ेसाती समाप्त होगी तो किसी राशि पर आरंभ होगी। 
 
आइए, जानते हैं कि कौन-सी राशि पर शनि की साढ़ेसाती हो रही है समाप्त और किस राशि पर इस परिवर्तन का क्या असर रहेगा? 
 
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तुला राशि की संपूर्ण साढ़ेसाती समाप्त होगी और इसका शुभ प्रभाव होगा। मानसिक कष्ट में राहत मिलेगी और क्लेश समाप्त होगा। 

इसी प्रकार से मेष और सिंह राशि पर साढ़ेसाती का एक ढय्या समाप्त होगा जिसका मिश्रित प्रभाव रहेगा। उतरती साढ़ेसाती के कई फल प्राप्त होते हैं जिसमें लाभ-हानि होती है, परंतु लाभ अधिक होता है। 
 
ध्यान दें कि इन राशि पर या तो शनि की साढ़ेसाती आरंभ होगी अथवा ढय्या आरंभ होगा। मकर, वृषभ और कन्या राशि पर साढ़ेसाती आरंभ होगी। इन राशि के लिए समय ठीक नहीं। आर्थिक हानि, मानसिक तनाव और अन्य कठिनाइयां संभव हैं। 
 
इसी प्रकार वृषभ और कन्या राशि पर पहला ढय्या, धनु राशि पर दूसरा ढय्या और वृश्चिक पर साढ़ेसाती का तीसरा ढय्या आरंभ होगा। इन राशियों के लिए भी समय ठीक नहीं है। लोहे का व्यापार या संबंधित कार्य करने वाले सचेत रहें। वाहन चलाते समय सावधानी अपेक्षित है। 
 
शनि की कृपा और साढ़ेसाती के अशुभ प्रभाव के शमन के लिए शनिसूक्त, शनि स्तोत्र के नियमित पाठ से लाभ होगा। प्रत्येक शनिवार को हनुमान चालीसा के 21 पाठ करने, शनिदेव को तेल अर्पण करने से भी लाभ होगा। पीपल के वृक्ष को जल देने और सरसों के तेल का दीप लगाने से भी साढ़ेसाती का अशुभ प्रभाव कम होता है। 

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