ज्योतिष के अनुसार प्रत्येक अंक का महत्व है। जैसे 1 अंक सूर्य का, 2 अंक चंद्र का, 3 अंक गुरु का, चार अंक राहु का, 5 अंक बुध का, 6 का शुक्र, 7 का केतु, 8 का शनि और 9 का स्वामी ग्रह मंगल है। मूलांक, भाग्यांक और जन्मांक से अंक ज्योतिषाचार्य लोगों का भविष्य बताते हैं। लेकिन हम यहां अंक ज्योतिष से हटकर कुछ और बताना चाहते हैं।
1. धर्म में 7 का स्थान :-
•जुडाइज्म में 7 को 'टौराह' का संकेत मानते हैं, जो आध्यात्मिकता और सृजन का एकीकरण है।
•प्रत्येक 7 साल में 7 बार मुबारक दिन (योवेल) आता है।
•डेविड जीस का सातवां बेटा है।
•ब्रेस्लोव परंपरा में 'द 7 कैंडेल्स' की संकल्पना है, जिसमें चेहरे के सात अंग- 2 आंख, 2 नासिकाएं, 2 कान और 1 मुंह को रखा गया है।
•हिंदू धर्म में 7 ऋषियों की परिकल्पना है।
•इस्लाम धर्म में 7 जमीन और 7 आसमान की परिकल्पना है।
•सूर-ए-फातिहा की 7 आयतें हैं।
•कुल 7 स्वर हैं।
2. हिन्दू धर्म में 7 का अंक...
•सप्तऋषि : वशिष्ठ, कश्यप, अत्रि, जमदग्नि, गौतम, विश्वामित्र और भारद्वाज।