किस राशि का शनि है आपकी कुंडली में, जानिए अपने बारे में

पं. प्रणयन एम. पाठक
शनि मकर एवं कुंभ राशि का स्वामी होता है एवं तुला राशि पर यह उच्च होता है अत: इन तीन राशियों के जातक पर शनि का प्रभाव हो तो उसमें शनि संबंधित गुण अधिक आते हैं। शनि प्रधान अथवा शनि के गुण-धर्म से जुड़े जातक अत्यधिक परिश्रमी एवं आत्मविश्वासी होते हैं।

बार-बार असफलता का सामना करने पर भी ये आसानी से हार नहीं मानते हैं और निरंतर प्रयास करते हुए अपने लक्ष्य को प्राप्त कर ही लेते हैं। कार्यकुशलता, गंभीरता, ध्यान-धारणा, साधना, धूर्तता, चतुराई, डिस्कवरी, प्रधान व्यक्तित्व आदि विशेष गुण होते हैं। शनि के शुभ संबंध हों तो यह मंत्री एवं राजनीतिक पद प्रदान करता है। कलयुग में शनि राजनीति का मुख्‍य कारक ग्रह है। अत: शनि को बलवान करना अत्यंत आवश्यक है।

यह रात्रि में बलवान होता है तथा जिनका जन्म रात्रि का हो और शनि कुंडली में शुभ हो तो ऐसे जातक को शनि पितातुल्य पालन करता है। बड़े-बड़े एक्सीडेंट से भी जातक सुरक्षित बाहर निकल जाता है। लोग आश्चर्य करते हैं कि ये बच कैसे गया? जैसे अमिताभ बच्चन की कुंभ लग्न कुंडली में कारक ग्रह शनि चतुर्थ में बैठकर जनता के दिलों में विशेष जगह बनाता है, वहीं कुंभ का कारक होकर लग्न पर शनि भी पूर्ण दृष्टि होने से बड़े से बड़े एक्सीडेंट (बीमारी) से बाहर निकल आता है।

अत: शनि शुभत्व लिए हुए हो तो जातक को काल के गाल से भी निकाल लाता है और शनि अशुभ हो तो जातक को व्यर्थ के जंजाल एवं विपरीत परिस्‍थितियों में ऐसा उलझाता है कि वह सुलझने के लिए जितना प्रयास करता है, उतना ही उलझता जाता है।

ALSO READ: कहीं आप भी शनि प्रधान तो नहीं, जानिए लक्षण...

ALSO READ: रोज की छोटी-छोटी बातों से भी होता है शनि शुभ

मेष- शनि मेष राशि पर हो तो कष्टफल करता है। यह शनि शत्रु एवं नीच राशि है। ऐसे जातक कुसंगति में उलझकर रह जाते हैं। घर में झगड़े होते रहते हैं। अनेक बार ऐसे जातक बड़े निष्ठुर एवं प्रपंची, शराबी आदि देखे गए हैं। जन्म कुंडली के आधार पर शनि का शांति उपाय करके कष्टों से बचा जा सकता है। 
 
वृषभ- शनि का वृषभ राशि पर प्रभाव हो तो यह जातक मंत्रीत्व पद अथवा राजनीति में शीघ्र सफलता प्राप्त करता है। पराई स्त्रियों में आकर्षण उत्पन्न करता है। मन में कपट रखता है, अपने नजदीक रहने वालों को भी मन की बात नहीं बताता। ऐसे जातक को समझना बड़ा मुश्किल होता है। इसकी वाणी कड़वी होती है। 
 
मिथुन- मिथुन राशि का शनि जातक को जनता के बीच आकर्षण का केंद्र बनाता है। कामी और क्रोधी होता है। इसके हाथ प्राय: लंबे हो सकते हैं। व्यापार में इसे सफलता मिलती है। यह चरित्र से भ्रष्ट हो सकता है, स्त्री से इसे कष्ट मिलता है। 

ALSO READ: शनि की दशा चल रही है तो पढ़ें राशि अनुसार यह उपाय
 
कर्क- कर्क पर शनि हो तो ऐसे जातक का दिल कमजोर होता है। भावुक होने के कारण लोग इससे अपना काम निकालकर राह में छोड़ देते हैं। इससे दांपत्य जीवन में कष्ट रहता है। यह 15 दिन सुख और 15 दिन दु:ख में व्यतीत करता है। इसका स्वभाव परिवर्तनशील रहता है। इसे नौकरी में कष्ट एवं स्वयं के कार्य से लाभ होता है। 
 
सिंह- सिंह का शनि जातक शिक्षा में अग्रसर, नौकरी करने वाला, पति-पत्नी के मध्य चिंता, पिता से विवाद, धन एवं राजकीय सुख भोगने वाला एवं मार्ग में कष्ट पाने वाला होता है। 
 
कन्या- कन्या में शनि हो तो ऐसा जातक व्यापार में सफलता प्राप्त करने वाला, धन, पुत्र सुख से युक्त रहा है। ऐसा जातक वेश्याओं में आसक्त एवं चरित्र से कमजोर भी हो सकता है। फलस्वरूप जातक में नपुंसकता जैसे गुण प्रकट हो सकते हैं, अगर ऐसा हो तो अपनी कुंडली के आधार पर उपाय करें। 

ALSO READ: शनि को अनुकूल करेंगी यह 10 काम की बातें
 
तुला- तुला में शनि होने से जातक को राजसत्ता प्राप्त होती है। मान-सम्मान एवं प्रतिष्ठा के साथ ऐसा जातक दानी एवं मानी होता है। साधु-संन्यासी एवं वक्ता, मंत्र-तंत्र एवं ज्योतिष में रुचि रखने वाला, बोल व वचन से आजीविका प्राप्त करने वाला आदि शुभ लक्षण तुला के शनि में प्राप्त होते हैं। यह जातक विदेश से धन प्राप्त करता है। 
 
वृश्चिक- वृश्चिक में शनि हो तो ऐसे जातक को स्वास्थ्य में कमी तथा शस्त्रघात के योग बनते हैं। इसे विवाद एवं झगड़ों से सदा दूरी बनाए रखना चाहिए। यह दादागिरी एवं पहलवानी में रुचि रखता है। यह अतिक्रमण करने में चतुर होता है। 

ALSO READ: रोज की छोटी-छोटी बातों से भी होता है शनि शुभ
 
धनु- धनु राशि का जातक शस्त्र चलाने में कुशल, ज्ञानी, विद्वान, धन-संपत्ति से युक्त, कार्यकुशल, मधुरभाषी, समाज में सम्मान प्राप्त करने वाला होता है। 
 
मकर- विदेशी मुद्रा प्राप्त करने वाला, व्यापार में चतुर, पद प्राप्त करने वाला, कलाकार, चित्रकार, गुणी, रत्नों एवं जहाजों से भी धन प्राप्त कर सकता है। सामाजिक कार्यों से सम्मान प्राप्त करने वाला, संपत्ति प्राप्त जातक मकर राशि में शनि होने से होता है। 
 
कुंभ- यह जातक द्विस्वभावी, मन में कपट रखने वाला, स्त्रियों में आसक्त, घर की मान-मर्यादा को भंग करने वाला, धन प्राप्त करने के लिए नए-नए रास्ते खोजने वाला एवं धन के लिए कुछ भी करने को तैयार रहता है। 
 
मीन- मीन का शनि जातक को तत्ववेत्ता, धार्मिक, गुणी, वक्ता, शास्त्रज्ञ, रत्नपारखी, धर्म, ज्योतिष, तंत्र एवं रत्न से धन प्राप्त करने वाला होता है। संगति अच्छे लोगों की होती है। सम्मान प्राप्त करता है। 
ALSO READ: कुंडली के 12 घरों में शनि और लाल किताब के अनूठे उपाय
अगला लेख