Shani dev ki vakra drishti : शनिदेव व्यक्ति के अपराधों की सजा महादशा, ढैया या साढ़ेसाती के दौरान देते हैं। शनिदेव की वक्र दृष्टि से वही जातक बच पाता है जिसने निम्नलिखित 8 में से कोई भी कार्य नहीं किया हो। कहते हैं कि शनिदेव की नाराजगी व्यक्ति को एक झटके में बर्बाद कर देती है। यदि आप भी ये 8 गलतियां कर रहे हैं तो सतर्क हो जाएं।
शनिदेव डालते हैं इन पर अपनी वक्र दृष्टि :
1. यदि आप ब्याज का धंधा करते हैं तो एक ना एक दिन आप पर शनिदेव की वक्र या कहें कि तिरछी दृष्टि पड़ेगी और बर्बादी शुरु हो जाएगी।
3. यदि आप नियमित शराब पीते हैं और खासकर मंगलवार, गुरुवार, शनिवार, प्रदोष काल, एकादशी, चतुर्थी, अमावस्या, पूर्णिमा के दिन शराब पीते हैं तो बहुत जल्द आप शनिदेव की दृष्टि की चपेट में आएंगे।
4. यदि आप किसी गरीब, सफाईकर्मी, दिव्यांग, विधवा, अबला आदि को सताते हैं या उनका अपमान करते हैं तो आप तैयार रहें शनि का दंड भुगतने के लिए।
5. यदि आप धर्म, देवता, गुरु, पिता और मंदिर का अपमान करते हैं या किसी भी रूप में उनका मजाक उड़ाते हैं तो दंडनायक के दंड का इंतजार करें बहुत जल्द वे हिसाब किताब पूरा कर देंगे।
7. अप्राकृतिक रूप से संभोग करना, लिव इन रिलेशनशिप में रहना, अवैदिक विवाह करना और पत्नी को सताने वाला बहुत जल्द शनि की क्रूर दृष्टि की चपेट में आ जाता है।
8. झूठी गवाही देना, निर्दोष लोगों को सताना, किसी के पीठ पीछे उसके खिलाफ कोई कार्य करना, चाचा-चाची, माता-पिता, सेवकों और गुरु का अपमान करना, ईश्वर के खिलाफ होना, दांतों को गंदा रखना, तहखाने की कैद हवा को मुक्त करना, भैंस या भैसों को मारना, सांप, कुत्ते और कौवों को सताना इन सभी से शनिदेव नराज होकर व्यक्ति के जीवन को खराब कर देते हैं।