शनि ग्रह को बलवान करने, शनि की साढ़े साती, शनि की ढैय्या, दशा, महादशा या अन्तर्दशा में या शनि संबंधी किसी भी प्रकार की पीड़ा को शांत करने के लिए शनि के रत्न पहने जाते हैं। रत्नों के अलावा भी और भी कुछ पहना जाता है। आओ जानते हैं सभी के संबंध में संक्षिप्त जानकारी।
1. नीलम : शनि के लिए अक्सर नीलम रत्न को पहने की सलाह दी जाती। संस्कृत में नीलम को इन्द्रनील, तृषाग्रही नीलमणि भी कहा जाता है। नीलम के प्रकार- 1. जलनील, 2. इन्द्रनील।
2. नीलम के उपरत्न : लीलिया, जमुनिया, नीली, नीला टोपाज, लाजवर्त, सोडालाइट, तंजनाईट आदि।
3. नीलमणि : यह नीलम की ही तरह होती है।
4. लोहे का छल्ला : जब बुध और राहु हो तो छल्ला बेजोड़ खालिस लोहे का होगा। मतलब यह कि तब लोहे का छल्ला अंगुली में धारण करना चाहिए।