पंचक काल के दौरान करेंगे ये कार्य, तो मिलेंगे अशुभ फल...

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* पंचक में न करें ये कार्य, ‍नहीं तो होगा परेशानियों से सामना... 
 
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पंचक के अंतर्गत 5  नक्षत्र आते हैं। जिसमें घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती प्रमुख है। माना जाता है कि पंचक चन्द्रमा की स्थिति पर आधारित गणना है।

जब चन्द्रमा कुंभ और मीन राशि पर रहता है, उस समय को 'पंचक' कहते हैं। शनिवार को जब पंचक आता है तो उसे मृत्यु पंचक के नाम से जाना जाता है। चूंकि इस बार शनिवार, 25 नवंबर से पंचक शुरू हुआ है तो इन दिनों निम्न कार्य करने से बचने में ही हमारी भलाई है। 
 
शास्त्रों के अनुसार पंचक के 5 दिनों में कुछ कामों को करने की मनाही होती है जिसे हमें भूलकर भी नहीं करना चाहिए। इन दिनों में कुछ कार्य विशेष नहीं किए जाते हैं, जैसे यात्रा, व्यापार, लेन-देन, नया कार्य आदि...। आइए जानें इन दिनों में कौन से काम करना अशुभ होता है।
 
न करें ये कार्य - 
 
 
* पंचक में पलंग बनवाना बड़े संकट को न्योता देना है। 
 
* इस दौरान दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। 
 
*  जिस समय धनिष्ठा नक्षत्र हो उस समय घास, लकड़ी आदि ईंधन एकत्रित नहीं करना चाहिए। पंचक के प्रभाव से इस नक्षत्र में अग्नि का भय रहता है। 
 
* शतभिषा नक्षत्र में कलह होने के योग बनते हैं। 
 
* पूर्वाभाद्रपद रोगकारक नक्षत्र होता है। 
 
* उत्तराभाद्रपद में धन के रूप में दंड होता है।
 
* जब रेवती नक्षत्र चल रहा हो, उस समय घर की छत नहीं बनवाना चाहिए। इस नक्षत्र में धनहानि की आशंका होती है।

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