उस दिन किसी शुभ मुहूर्त को देखने की आवश्यकता नहीं होती, क्योंकि ये योग ही स्वयं सिद्ध होते हैं। ज्योतिष शास्त्र भी कहता हैं कि सर्वार्थ सिद्धि मुहूर्त में शुक्र अस्त, पंचक, भद्रा आदि पर विचार करने की जरूरत नहीं होती है।
क्योंकि ये मुहूर्त अपने आप में ही शुभ व सिद्ध होते हैं और इन पर नीच ग्रहों का प्रभाव कभी नहीं रहता, यहां तक की कुयोग होने पर भी उसका कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता। सर्वार्थ सिद्ध योग में किये गए कार्य सदैव शुभ फल ही प्रदान करते हैं।
शास्त्रों में यह भी कहा गया है कि सर्वार्थ सिद्धि शुभ योग अगर मंगलवार या फिर शनिवार के दिन हो तो उस दिन किसी भी प्रकार का वाहन, प्रेस या कोई लोहे से बनी वस्तुएं भूलकर भी नहीं खरीदना चाहिए। ऐसा करने से किसी बड़ी दुर्घटना के होने की आशंका बनी रहती है।