अश्विन माह इस बार 3 सितंबर से 31 अक्टूबर तक होगा। हर वर्ष श्राद्ध पक्ष की समाप्ति के बाद नवरात्रि अश्विन माह में ही प्रारंभ होती है परंतु इस बार अश्विन मास में मलमास लगने के कारण 1 महीने के अंतर पर नवरात्रि आरंभ होगी। अधिमास 18 सितंबर से शुरू होकर 16 अक्टूबर तक चलेगा। इस मास में कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं परंतु इस मास में लगभग 16 शुभ योग हैं।
1. अधिक मास की शुरुआत ही 18 सितंबर को शुक्रवार, उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र और शुक्ल नाम के शुभ योग में होगी। ये दिन काफी शुभ रहेगा। अधिक मास के दौरान सर्वार्थसिद्धि योग 9 दिन, द्विपुष्कर योग 2 दिन, अमृतसिद्धि योग 1 दिन और पुष्य नक्षत्र 1 दिन तक आ रहा है।
2. सर्वार्थसिद्धि योग- ये योग इस मास में 10 बार आएगा। सितंबर की तारीख 21 और 26 एवं अक्टूबर की तारीख 1, 2, 4, 6, 7, 9, और 11 अक्टूबर में यह योग रहेगा। ये योग सारी मनोकामनाएं पूर्ण करने वाला और हर काम में सफलता देने वाला होता है।
3. अमृत सिद्धि योग- यह योग 2 अक्टूबर 2020 को अमृत सिद्धि योग रहेगा। अमृतसिद्धि योग में किए गए कामों का शुभ फल दीर्घकालीन होता है।
4. द्विपुष्कर योग- तारीख 19 एवं 27 सितंबर को द्विपुष्कर योग रहेगा। इस योग में किए गए किसी भी काम का दोगुना फल मिलता है, ऐसी मान्यता है।
5. पुष्य नक्षत्र- 11 अक्टूबर को रवि पुष्य नक्षत्र रहेगा। यह ऐसा दिन हैं जबकि कोई भी आवश्यक शुभ कार्य किया जा सकता है।
उक्त मत स्थानीय समय के अनुसार है इसमें मतभेद हो सकता है। अधिक मास में विवाह तय करना, सगाई करना, कोई भूमि, मकान, भूमि, भवन खरीदने के लिए अनुबंध किया जा सकता है। खरीददारी के लिए लिए भी यह शुभ योग शुभ मुहूर्त देख कर खरीद सकते हैं।