गुरु और शुक्र के अस्त होने पर कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। हालांकि वर्तमान में वैसे भी खरमास चल रहा है तो ऐसे में वैसे भी कोई शुभ कार्य नहीं होते हैं। सूर्य के धनु राशि एवं मीन राशि में स्थित होने की अवधि को ही खरमास अथवा मलमास कहा जाता है। मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी 2022 को मनाया जाएगा।
जब कोई ग्रह सूर्य के निकट की कुछ डिग्री के भीतर आता है तो उसे अस्त कहा जाता है। अस्त होने की स्थिति में सूर्य ग्रह उस ग्रह की शक्ति और ताकत को क्षीण कर देता है, जिससे की ग्रह का प्रभाव कमजोर हो जाता है। शुक्र ग्रह जब मार्गी गति में होता है और सूर्य के किसी भी तरफ से 10 डिग्री की धुरी में आ जाता है तो यह अस्त हो जाता है। हालांकि अगर शुक्र ग्रह वक्री है तो अस्त होने होने के लिए इसे सूर्य की 8 डिग्री की धुरी में आना अनिवार्य होता है। शुक्र का अस्त होने सभी राशियों को भी प्रभावित करता है।
शुक्र अस्त होने की स्थिति में कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित हो जाता है, खासकर विवाह, गृह प्रवेश आदि नहीं होते हैं और शुक्र के पुनः उदय होने पर ही इस प्रकार के कार्य पूर्ण किये जाते हैं।