सोमवती अमावस्या के दिन नदी, तट, तीर्थक्षेत्र में स्नान तथा दान आदि करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। सूर्योदय से लेकर दोपहर पश्चात नदी स्नान किया जा सकता है। इस दिन विशेषकर गायों को चारा खिलाने तथा वस्त्र आदि दान देने का महत्व शास्त्रों में उल्लेखित है। इसके अलावा स्नानार्थी तीर्थ पुरोहितों से भाल पर तिलक लगवाएंगे, वहीं स्नान के समय श्लोक भी गूंजेंगे। तीर्थ पुरोहितों के अनुसार शिप्रा में स्नान करने से मनोकामनाओं की सिद्धि होती है।