शनि-सूर्य का राशि परिवर्तन, होगा संकट का समय...

ज्योतिष कोई ऐसी भविष्यवाणी नहीं करता जिसके आधार पर यह कहां जा सके कि अमुक स्थान पर अमुक समय ऐसा होगा ही, बल्कि यह ग्रहों और नक्षत्रों के आधार पर पूर्वानुमान लगाकर होने वाली घटनाओं का संकेत भर देता है, जैसे सूर्य-चन्द्र धरती पर प्रभाव डालते हैं, वैसे ही अंतरिक्ष में विचरण कर रहे ग्रह-नक्षत्रों के संयोग, परिवर्तन से समस्त धरती और प्राणियों पर इसका असर पड़ता है। 


 
इस समय न केवल भारत अपितु संपूर्ण विश्व एक बड़े बदलाव के संक्रमित है। यह भी ग्रह-नक्षत्रों के ही कारण है। सुपर मून या श्वेत चन्द्र भी एक ऐसा ही अवसर था जिसमें लोगों की भावनाएं अपने चरम पर थीं। 
 
सूर्य देव का वृश्च‌िक राश‌ि में आगमन 15-16 नवंबर को होने जा रहा है, क्योंक‌ि यह 15 नवंबर की मध्यरात्रि के बाद होने जा रहा है। इस समय शन‌ि ग्रह वृश्च‌िक राश‌ि में बैठे हैं और अब सूर्य का गोचर इस राश‌ि में हो गया है। माना जाता है कि सूर्य और शन‌ि प‌िता-पुत्र हैं, लेक‌िन इनके बीच शत्रु भाव है। ऐसे में वृश्च‌िक राश‌ि में जब ये दोनों ग्रह म‌िलेंगे तब ये आपकी राश‌ि पर क्या असर डालेंगे?
 
इस संक्रांत‌ि का पुण्यकाल सूर्योदय से लेकर 12 बजकर 41 म‌िनट तक रहेगा। इस दौरान स्नान और दान-पुण्य क‌िया जाएगा। ज्योत‌िष शास्‍त्र की गणना के अनुसार यह संक्रांत‌ि वारानुसार महोदरी और नक्षत्रानुसार नंदा कहलाएगी। इस स्थिति में व्यापारियों, बुद्ध‌िजीव‌ियों, लेखकों के ल‌िए व‌िशेष लाभ होगा। 
 
परंतु इस संक्रांत‌ि में सूर्य-शन‌ि का संयोग होने से केंद्र सरकार को कठ‌िन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, परंतु स्‍थ‌ित‌ियों को संभालने में सरकार सफल रहेगी। इस महीने में 5 मंगलवार का होना यह दर्शा रहा है क‌ि महंगाई बढ़ेगी, व‌िद्रोह और दंगे-फसाद होंगे।

मंगल प्रबल होने से युद्धोन्माद बढ़े‌गा और राजनेताओं में टकराहट होगी। इसमें कहीं सत्ता परिवर्तन योग भी हैं। वैश्विक स्तर पर भी असंतोष, शेयर मार्केट में उतार-चढ़ाव बने रहेंगे। लोगों की भावनाएं इस समय अपने चरम पर होंगी और कहीं हिंसक घटनाएं भी हो सकती हैं। 
 

वेबदुनिया पर पढ़ें