प्रतिदिन स्नान यानी नहाना सेहत की दृष्टि से अनिवार्य होता है। लेकिन प्राचीन धर्मग्रंथों में स्नान से जुड़ी पवित्र मान्यताएं हैं। एक सुनिश्चित समय निर्धारित है। ब्रह्म मुहूर्त में स्नान को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। पढ़ें विस्तार से....
पुराने जमाने में इसीलिए सभी सूरज निकलने से पहले स्नान करते थे। खासकर घर की स्त्री चाहे मां के रूप में हो,पत्नी के रूप में या बहन के रूप में हो। ऐसा करने से धन और वैभवलक्ष्मी घर में सदैव वास करती है।