1. पृथ्वी का अक्षीय झुकाव (Axial Tilt): हमारी पृथ्वी अपनी धुरी पर सीधे नहीं घूमती है, बल्कि यह अपनी कक्षा के तल से लगभग 23.5 डिग्री झुकी हुई है। यह झुकाव ही पृथ्वी पर मौसमों के बदलने का मुख्य कारण है।
3. सूर्य की सीधी किरणें और लंबा पथ:
- उत्तरी गोलार्ध में सूर्य की किरणें सीधी और अधिक केंद्रित होती हैं।
4. परिणाम: छोटी रातें: चूंकि दिन की अवधि सबसे लंबी होती है, स्वाभाविक रूप से, रात की अवधि सबसे छोटी हो जाती है। यह घटना उत्तरी गोलार्ध के सभी स्थानों पर देखी जाती है, हालांकि भूमध्य रेखा से जितनी दूर उत्तर में जाएंगे, दिन उतना ही लंबा होता जाएगा और रात उतनी ही छोटी। आर्कटिक वृत्त के ऊपर तो कुछ स्थानों पर 24 घंटे तक सूर्य दिखाई देता है, जिसे 'मध्यरात्रि सूर्य' कहा जाता है। इसके विपरीत, इसी समय यानी 21 जून को दक्षिणी गोलार्ध में शीतकालीन संक्रांति होती है, जहां दिन सबसे छोटा और रात सबसे लंबी होती है, क्योंकि वह हिस्सा सूर्य से दूर झुका होता है।
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