बगलामुखी मां दुर्गा का तांत्रिक स्वरूप रूप हैं। वे दस महाविद्या में से आठवीं हैं। रूपाकारों में इन्हें अष्ट-दस भुजा रूप में चित्रित किया गया है। संयम-नियमपूर्वक मां बगलामुखी के पाठ-पूजा, जाप, अनुष्ठान से सर्व अभीष्ट सिद्ध होते हैं।
मां दुश्मनों का नाश करती हैं। यहां शत्रुओं से आशय काम, क्रोध, लोभ, मद और मोह से है। मां बगलामुखी की पूजा राज में विजय दिलाने वाली, राज्याधिकार के योग को संभव बनाने वाली और कुयोग को सुयोग में परिवर्तित करने वाली हैं।