कैसे किया जाता है सूर्य का व्रत

सूर्य का व्रत एक वर्ष या 30 रविवारों तक अथवा 12 रविवारों तक करना चाहिए। व्रत के दिन लाल रंग का वस्त्र धारण करके 'ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:' इस मंत्र का 12 या 5 अथवा 3 माला जप करें।


 

जप के बाद शुद्ध जल, रक्त चंदन, अक्षत, लाल पुष्प और दूर्वा से सूर्य को अर्घ्य दें। भोजन में गेहूं की रोटी, दलिया, दूध, दही, घी और चीनी खाएं। नमक नहीं खाएं। इस व्रत के प्रभाव से सूर्य का अशुभ फल शुभ फल में परिणत हो जाता है। तेजस्विता बढ़ती है। शारीरिक रोग शांत होते हैं। आरोग्यता प्राप्त होती है।













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