हिन्दू धर्म में गुरुवार को सबसे बड़ा दिन माना जाता है। इसी दिन मंदिर में जाने का विधान है। जिस तरह गुरु हमारे सौर परिवार की अंतरिक्ष की उल्का पिंडों या अन्य खतरों से रक्षा करता है उसी तरह यह हमारे परिवार की भी रक्षा करता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहों में सबसे बड़ा ग्रह है बृहस्पति (Planet Jupiter), जिसे गुरु भी कहा जाता है। लाल किताब के अनुसार कुंडली में गुरु के दोषपूर्ण होने की स्थिति के बारे में विस्तार से बताया गया है। यहां जानिए कैसे खराब होता गुरु ग्रह...
कैसे होता गुरु खराब-
* 2, 5, 9, 12वें भाव में बृहस्पति के शत्रु ग्रह हों या शत्रु ग्रह उसके साथ हों तो बृहस्पति मंदा होता है।
* यदि बृहस्पति कुंडली की उच्च राशि के अलावा 2, 5, 9, 12वें भाव में हो तो भी शुभ होता है, लेकिन लोग अपने कर्मों से इसे अशुभ कर लेते हैं।
* घर में हवा आने वाले रास्ते यदि खराब हैं तो गुरु भी खराब हो जाएगा।
* दक्षिण का द्वार भी गुरु के खराब होने की निशानी है।
* ईशान कोण यदि दूषित है तो गुरु भी खराब हो जाएगा।
* कुछ लोग किसी बाबा या गुरु के प्रभाव में आकर अपने विचारों को दूषित कर लेते हैं।
* कुछ लोग माला आदि पहने लग जाते हैं या दाढ़ी बढ़ा लेते हैं तो उनका गुरु खराब हो जाता है।
* जिनके सिर पर चोटी के स्थान से बाल उड़ जाते हैं, तो समझो उनका गुरु खराब है।
* आपका अपने पिता से विवाद चलता रहता है तो भी गुरु खत्म हो जाएगा।
* व्यक्ति अकारण झूठ बोलता रहता है तो भी गुरु अपना अच्छा असर देना बंद कर देता है।
* शराब पीने और मांस खाते रहने से भी कुंडली में गुरु नष्ट हो जाता है।