गुरुवार विशेष : करियर में अच्छी सफलता दिलाएं सरस्वती आराधना

- आचार्य संजय

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ज्योतिष गणना के अनुसार पढ़ाई में कमजोर छात्रों की जन्मकुंडली में चंद्रमा और बुध निर्बल होता है।

दरअसल, मन-मस्तिष्क का कारक चंद्रमा है और जब यह दुर्बल हो या पथभ्रष्ट चंचल हो जाए तो मन-मस्तिष्क में स्थिरता या संतुलन ठीक नहीं रहता। इसी तरह बुध की प्रतिकूलता की वजह से तर्क व कुशाग्रता में कमी आती है।

स्मरण रहे कि हर छात्र को मेहनत के साथ-साथ अच्छी सफलता के लिए देवी सरस्वती की आराधना भी करनी चाहिए।

ध्यान रहे कि सरस्वती आराधना होती तो बहुत आसान है लेकिन इसे गुरुवार से प्रारंभ कर गुरुवार को ही संपूर्ण करना पड़ता है। शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि इस साधना के लिए लाभदायक है। चैत्र माह की शुक्ल पंचमी में यह साधना तुरंत फल देती है।


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खास बातें रखें ध्यान : - किसी भी छात्र या छात्रा को यह साधना स्वयं ही करनी चाहिए, अगर छात्र यह पूजन न कर सकें तो माता द्वारा इस साधना से सफलता मिलती है। सरस्वती पूजन करने वाले को पीले वस्त्र ही पहनने चाहिए।

पूजन सामग्री : - महासरस्वती का यंत्र या देवी सरस्वती का चित्र, आठ छोटे नारियल, सफेद चंदन, अक्षत, श्वेत पुष्प, सुगंधित धूप व अगरबत्ती व घी का दीपक।

कैसे करें सरस्वती पूजन :-


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कैसे करें सरस्वती पूजन :- गुरुवार को सुबह स्नान इत्यादि करने के बाद पूजा प्रारंभ करें। गणेशजी का आह्वान कर तांबे की थाली में कुंमकुंम से स्वस्तिक का चिह्न बनाएं।

इस चिह्न के ऊपर, मां सरस्वती का यंत्र या चित्र स्थापित करें। चित्र के समक्ष आठों नारियल रख दें। अब चित्र या यंत्र के ऊपर चंदन, पुष्प व अक्षत अर्पण कर धूप-दीप जलाकर देवी मां का आह्वान करें और स्फटिक या तुलसी की माला पर सरस्वती मंत्र 'ॐ ऐं सरस्वत्यै नम:' की पांच माला फेरें।

सायंकाल सूर्यास्त से पूर्व सभी सामग्री किसी नदी, तालाब या किसी जलाशय में विसर्जित कर दें। सफलता जरूर मिलेगी।

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