कालभैरव जयंती मार्गशीर्ष माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालभैरव अष्टमी के रूप में मनाई जाती है। काल भैरव को काशी का कोतवाल माना जाता है। भैरव जी के 108 नामों को प्रतिदिन, रविवार या शनिवार को पढ़ना चाहिए, साथ ही भैरव जी को सरसों के तेल का दीप व लड्डू अर्पण करना चाहिए।
इनका वाहन कुत्ता माना जाता है, अत: कुत्ते को दूध आदि पिलाते रहना चाहिए। साधकों की सुविधा के लिए ह्रीं बीजयुक्त 108 नाम दिए जा रहे हैं। यदि आप शक्ति-साधना की दीक्षा लेकर इन नामों का पाठ करते हैं तो और भी अत्यधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं।