नीले रंग का फूल गुड़हल, कौमुदी, आक, अपराजिता और कमल का फूल भी होता है। इसके अलावा कई जंगली फूल भी नीले होते हैं। नीला रंग का फूल शनिदेव के अलावा विष्णु, श्रीकृष्ण और लक्ष्मीजी और हनुमान जी को भी प्रिय है।
यहां हम आपको बताने जा रहे हैं नीले फूल के कुछ ज्योतिषीय उपाय जिनको आजमाकर आप अपनी किस्मत बदल सकते हैं, संकटों को खत्म कर सकते हैं और धनवान बन सकते हैं। पढ़ें 10 प्रमुख उपाय...
पहला उपाय
यदि कुंडली में आठवें भाव में शुक्र ग्रह है तो उसके अशुभ परिणामों को कम करने के लिए कभी किसी से दान नहीं लेना चाहिए। तांबे का सिक्का या नीले फूल को लगातार 43 दिन तक गंदे नाले में फेंकना शुभ माना जाता है।
इसके अलावा यदि शुक्र बारहवें भाव में बैठा है तो शुक्र ग्रह की पीड़ा कम करने के लिए सूर्यास्त के समय नीले रंग के फूल को जमीन में दबा देना शुभ माना जाता है। पत्नी (स्त्री) नीला फूल या फल सूर्यास्त (शाम) के समय किसी सुनसान जगह पर खोद कर दबाएं, इससे स्वास्थ्य अच्छा रहेगा।
विवाह में बार-बार बाधाएं और रूकावट आने पर व्यक्ति को सुनसान भूमि में लकड़ी से ज़मीन खोदकर नीले रंग का फूल दबाना चाहिए। शनि के दुष्प्रभाव के कारण विवाह में विलम्ब हो रहा है तो शनिवार के दिन लकड़ी से भूमि खोदकर काला सुरमा व नीले रंग का फूल दबाना चाहिए।
तीसरा उपाय
यदि षष्ठ भाव स्थित राहु समझ न आने वाला रोग दे रहा हो तो नीले फूलों से देवी सरस्वती (राहु की इष्ट देवी) की पूजा आराधना करनी चाहिए, इससे रोग से छुटकारा मिलता है।
चौथा उपाय
कारोबार में कामयाबी : पांच टुकड़े फिटकरी, 6 नीले फूल और एक कमर में बांधने वाला बेल्ट नवमी के दिन देवी को चढ़ा दें। दसमी के दिन बेल्ट को किसी कन्या को दे दें, नीले फूल बहते पानी में डालें और फिटकरी के टुकड़े को संभालकर रख लें।
साक्षात्कार देने जाते समय ये टुकड़े अपने पास रखेंगे तो सफलता मिलेगी।
कारोबार से जुड़े किसी महत्वपूर्ण कार्य से जा रहे हैं तो ये फिटकरी के टुकड़े अपने पास रखेंगे तो अवश्य सफलता मिलेगी। काम से लौट आएं तब फिटकरी को उचित स्थान पर संभालकर रख दें।
पांचवां उपाय
शनिवार के दिन नीले रंग के अपराजिता के फूल से पीपल की पूजा करें और शनि महाराज को अर्पित करें तो शनि का अशुभ प्रभाव समाप्त हो जाएगा।
इसके अलावा शनि शांति हेतु प्रतिदिन सूर्यास्त के बाद हनुमानजी का पूजन करें। पूजन में सिंदूर, काली तिल्ली का तेल, इस तेल का दीपक एवं नीले रंग के फूल का प्रयोग करें। यह उपाय आप हर शनिवार भी कर सकते हैं।
इसके अलावा शनि शांति और धन प्राप्ति हेतु किसी बहती नदी में नीले रंग के फूल बहाएं। यह उपाय प्रति शनिवार किया जाना चाहिए। फूल बहाते समय शनिदेव से सुख और शांति के लिए प्रार्थना करनी चाहिए। शनि का संबंध में नीले रंग से बताया गया है अत: नीले फूल इन्हें अत्यंत प्रिय माने गए हैं। इसी वजह से नीले फूल शनि देव के निमित्त बहाने से वे अति प्रसन्न होते हैं और भक्तों के दुख या परेशानियों को दूर कर देते हैं। शनिदेव को नीले नीले लाजवन्ती के फूल भी चढ़ाने चाहिए।
यदि आप घोर दरिद्रता का सामना कर रहे हैं तो भगवान श्रीकृष्ण को नीले रंग का फूल मोक्षदा एकादशी के दिन व्रत रखने के बाद चढ़ाएं। इसके लिए इन नियमों का पालन भी करें- पान न खाएं, किसी की निन्दा न करें, क्रोध न करें, झूठ न बोलें, दिन के समय न सोएं, तेल में बना हुआ खाना न खाएं, कांसे के बर्तनों का इस्तेमाल न करें, व्रत न रख सकें तो प्याज, लहसुन और चावल का सेवन न करें।
सातवां उपाय
धन प्राप्ति हेतु : प्रत्येक शुक्रवार को मंदिर में जाकर माता महालक्ष्मी को नीले कमल के फूल चढ़ाएं। किसी को वश में करने के लिए भी नीले कमल का इस्तेमाल किया जाता है।
बड़े से बड़े दुख के नाश के लिए व दुखों से छुटकारा पाने के लिए माता तारा देवी को कमल का सफेद या नीला फूल चढ़ाने के साथ ही रुद्राक्ष के बने कानों के कुंडल, सूर्य शंख, नीले रंग के वस्त्र, अनार के दाने प्रसाद के रूप में और भोजपत्र पर 'ह्रीं' लिखकर चढ़ाना चाहिए। यह कार्य विधि-विधान और मंत्र जाप के साथ करेंगे तो तारा देवी प्रसन्न होकर भक्तों को तारने वाली बन जाती है।
नौवां उपाय
अखंड लक्ष्मी प्राप्ति हेतु : एक नारियल और उसके साथ एक लाल फूल, एक पीला, एक नीला फूल और एक सफेद फूल देवी लक्ष्मी को चढ़ाएं। नवमी के दिन ये फूल नदी में बहा दें और नारियल को लाल कपड़े में लपेट कर तिजोरी में रखें। इसके अलावा धन लाभ के लिए किसी लक्ष्मी मंदिर में जाकर कमल के फूल, नारियल अर्पित करें तथा सफेद मिठाई का भोग लगाएं।
यदि बहुत पैसा कमाने के बावजूद भी आप उसे बचा नहीं पा रहे हैं तो लक्ष्मी पूजन के साथ-साथ कमल के फूल का भी पूजन करें तथा बाद में इस फूल को लाल कपड़े में बांधकर अपने धन स्थान यानी तिजोरी या लॉकर में रखें।
मां दुर्गा, विष्णु और शिवजी को चढ़ाएं नीले फूल : भगवान विष्णु, शिव और मां दुर्गा का नीला अपराजिता बहुत पसंद है। विशेष मुहूर्त और दिनों में इन्हें यह फूल अर्पित किए जाने पर सभी तरह की मनोकामना पूर्ण होती है।