दीपक जलाएं लेकिन ध्यान रखें...

- आचार्य डॉ. संजय
दीप प्रज्वलित करने के नियम तथा मंत्र...

अग्नि का प्राचीनकाल से ही हर धर्म में महत्व है। अग्नि को प्रत्यक्ष देवतास्वरूप माना गया है। प्राचीन वैदिक धर्म में अग्नि का अत्यधिक महत्व है।


अग्नि का प्रज्वलन देवता की उपस्थिति का प्रतीक माना जाता है और इसीलिए हिन्दू धर्म में किसी भी शुभ कार्य से पहले दीपक प्रज्वलित किया जाता है।

 

आगे पढ़ें दीपक जलाते समय ध्यान रखने योग्य बातें....

 



हिन्दू धर्म में प्रत्येक पूजा में दीपक जलाने की परंपरा है। लेकिन ध्यान रखने योग्य बातें हैं कि दीपक प्रज्वलित करने और उसकी दिशा के संबंध में कई नियम बनाए गए हैं।


तो आइए जानिए कि दीपक की लौ किस दिशा में होनी चाहिए और दीप प्रज्वलित करते समय कौन-से मंत्रों का उच्चारण किया जाना चाहिए।

 

आगे पढ़ें दीपक प्रज्वलित करते समय कौन-सा मंत्र बोले...

 

 



दीपक प्रज्वलित करते समय यह मंत्र जपने से सफलता मिलती है : -



दीपज्योति: परब्रह्म: दीपज्योति: जनार्दन:।
दीपोहरतिमे पापं संध्यादीपं नमोस्तुते।।

शुभं करोतु कल्याणमारोग्यं सुखं सम्पदां।
दुष्ट बुद्धि विनाशाय दीपोज्योति: नमोस्तुते।

 

आगे पढ़ें किस दिशा में रखें दीपक की लौ....

 


जानें किस दिशा में दीपक की लौ...

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* दीपक की लौ पूर्व दिशा की ओर रखने से आयु में वृद्धि होती है।

* ध्यान रहे कि दीपक की लौ पश्चिम दिशा की ओर रखने से दुख बढ़ता है।

* दीपक की लौ उत्तर दिशा की ओर रखने से धन लाभ होता है।

* दीपक की लौ कभी भी दक्षिण दिशा की ओर न रखें, ऐसा करने से जन या धनहानि होती है।

* मीन राशि के जातक को चाहिए कि घर की पूर्वोत्तर दिशा में मंदिर बनवाएं।

ध्यान रखें कि घर का मंदिर और रसोईघर साथ-साथ न हो। मंदिर का स्थान परिवर्तन इष्टदेव को प्रसन्न करेगा। लक्ष्मी नारायण की आराधना से भूमि संबंधी लाभ होगा


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