इसके अलावा विशेषकर माघ महीने के कृष्ण पक्ष की तिलकूट चतुर्थी, तिल संकटा चौथ तिथि को संकट हरण गणपति का पूजन किया जाता है। चतुर्थी के दिन प्रात:काल नित्य कर्मों से निवृत्त होकर षोडशोपचार विधि से श्रीगणेश की पूजन करने के बाद निम्न श्लोक पढ़कर श्रीगणेश की वंदना करना चाहिए।
श्रीगणेश की वंदना करें इस मंत्र से-
गजाननं भूत गणादि सेवितं, कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम्।
उमासुतं शोक विनाशकारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम्।।
पूरे दिन मन ही मन श्रीगणेश के नामों का जप करें। इस तरह गणेश का पूजन करने से जीवन के सभी विघ्नों का नाश होता है तथा दिन-प्रतिदिन उन्नति होती है।