लाल किताब के अनुसार मंगल आपके भाई और आपके शरीर में दौड़ रहा रक्त है। मंगल होने से यह जरूरी नहीं कि वह कुंडली में बुरा ही असर दे रहा होगा। मंगल दोष से किसी भी प्रकार से घबराने की जरूरत नहीं। माना जाता है कि कुण्डली में जब प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम अथवा द्वादश भाव में मंगल होता है तब मंगलिक दोष लगता है। ऐसी मान्यता है कि यह दोष जिनकी कुण्डली में हो उसे मंगली जीवनसाथी ही तलाश करनी चाहिए।