प्राचीन धार्मिक ग्रंथों के अनुसार किसी जातक की कुंडली में यदि कालसर्प दोष हो तो वह नागपंचमी पर भगवान शिव और नागदेवता का पूजन-अर्चन कर इस दोष से शांति प्राप्त कर सकता है। लेकिन अगर किसी कारणवश आप नाग पूजन नहीं कर सकें, कोई पूजन या विधान संभव न हो तो बस नाग देवता के नौ नामों वाला यह अलौकिक मंत्र 11 बार अवश्य पढ़ें, इससे आपको काफी राहत मिलेगी।