वसंत पंचमी पर इस मंत्र से करें देवी सरस्वती को प्रसन्न

देवी सरस्वती का वंदना मंत्र


 

पौराणिक शास्त्रों के अनुसार देवी सरस्वती को विद्या और कला की देवी माना गया है। हमें जीवन में तेजस्विता लाने के लिए सरस्वती की उपासना करनी चाहिए। वसं‍त पंचमी के दिन अथवा हर सुबह इस सरस्वती वंदना मंत्र का पठन करने मां सरस्वती प्रसन्न होकर सुख-सौभाग्य तथा विद्या और बुद्धि देती है। 



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मां सरस्वती का प्रार्थना मंत्र  


 
'या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभवस्त्रावृता।
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिदैवै सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥'
 
- 'जो कुन्द पुष्प, चंद्र, तुषार और मुक्ताहार जैसी धवल है, जो शुभ्र वस्त्रों से आवृत्त है, जिसके हाथ वीणारूपी वरदंड से शोभित हैं, जो श्वेत पद्म के आसन पर विरजित है, जिसे ब्रह्मा, विष्णु और महेश जैसे मुख्य देव वंदन करते हैं, ऐसी निःशेष जड़ता को दूर करने वाली भगवती सरस्वती! मेरा रक्षण करे।'

 
 

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