सुलक्षणा, सुयोग्य पत्नी चाहिए तो पढ़ें यह अचूक मंत्र....

आज के युग में सुलक्षणा, सुकन्या और सुशील पत्नी पाने की चाह किसे नहीं है।


 

यदि कोई अविवाहित जातक ऐसी ही अर्धांगनी का स्वप्न देखता है तो उसे श्री दुर्गा जी का ध्यान करते हुए घी का दीपक जलाकर किसी एकांत स्थान में स्नान शुद्धि के उपरांत नित्य प्रातःकाल उपरोक्त पंचपदी का उच्च स्वर में 108 बार पाठ करना चाहिए। जाप करें तो, जगतजननी माता दुर्गा जी की कृपा से सुयोग्य पत्नी की प्राप्ति शीघ्र हो जाती है।
 
दुर्गा सप्तशती की पुस्तक में से नित्य 'अर्गला- स्तोत्र' का एक पाठ (पूर्ण रूप में) करने से सुलक्षणा पत्नी की प्राप्ति संभव हो जाती है।
 
यदि अर्गला-स्तोत्र का पूर्ण रूप में पाठ न कर सकें तो विवाहेच्छुक युवक को अर्गला स्तोत्र के 24वें श्लोक का मंत्र रूप में 108 बार पाठ या जप करने से पत्नी रूपी गृहलक्ष्मी की प्राप्ति संभव होती है।
 
ध्यान रहे इस प्रयोजन से किया कोई भी प्रयोग कृष्ण पक्ष की अष्टमी या चतुर्दशी तिथि से आरंभ कर विवाह संबंध सुनिश्चित हो जाने तक सतत करते रहना चाहिए। 

आगे पढ़ें माता दुर्गाजी का सरल मंत्र... 
 


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मंत्र जाप : 
 
पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानु सारिणीम्। 
तारिणींदुर्गसं सारसागरस्य कुलोद्भवाम्॥

पाठ के समय शुद्धता रखनी चाहिए। दुर्गाजी की नित्य सामान्य पूजा जल, पुष्प, फल, मेवा, मिष्ठान्न, रोली व कुंकुम या लाल चंदन, गंध आदि से करते रहना चाहिए। 


सप्ताह में कम से कम एक ब्राह्मण व दो कन्याओं को भोजन करना चाहिए। प्रतिदिन पाठ के उपरांत कम से कम 11 आहुतियां दुर्गाजी के नाम से देनी चाहिए। 

पूर्ण श्रद्धा, विश्वास और भक्ति भावना के साथ इस तरह के विधान का पालन करने से मनोकामना पूर्ण होती हैं। नवदुर्गा यंत्र या दुर्गा बीसा यंत्र की स्थापना पाठ के प्रथम दिन करनी चाहिए।


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