* पीपल के वृक्ष पर उसकी छाया में खड़े होकर जल चढ़ाना चाहिए। जल चढ़ाने हेतु लोहे का पात्र लेना चाहिए। जल में चीनी, घी एवं दूध भी मिलाना चाहिए। इस प्रयोग से जीवन में चमत्कारिक रुप से अनुकूलता पैदा होने लगती है।
* गूलर के दो फल लाकर अपने पास रखने चाहिए। सामान्यतः गूलर के फल प्रारंभ में झरबेरी के फल के समान होते हैं, जो धीरे-धीरे बड़े होकर नींबू के बराबर हो जाते हैं। ये कच्ची अवस्था में हरे तथा पकने पर लाल होते हैं। जिस व्यक्ति के पास पके हुए गूलर के फल होते हैं, भगवान् दत्तात्रेय की कृपा उस पर होती है और धन का आगमन प्रचुरता से होने लगता है।