Chhath puja ke achuk upay in hindi: 27 अक्टूबर 2025 के दिन छठ पूजा का महापर्व मनाया जा रहा है। छठ पूजा का पर्व सूर्य देव की आराधना का महापर्व है, जिसमें शाम और सुबह के समय सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इस दिन ज्योतिष और लाल किताब के कुछ विशेष उपाय करने से लाभ मिलता है। भारतीय परंपरा में प्रतिदिन सूर्य देव की पूजा और सूर्य को अर्घ्य देने का खास महत्व है। इसके कई लाभ है और इसी के साथ इस दिन कुछ खास ज्योतिष उपाय भी करना चाहिए।
ज्योतिष और लाल किताब के 5 प्रमुख उपाय:
सूर्य को अर्घ्य दें:
नियमित रूप से सूर्य को अर्घ्य देने से कुंडली के सूर्य दोष समाप्त होते हैं, मान-सम्मान में वृद्धि होती है और शारीरिक रोग दूर होते हैं।
सूर्य देव जल्दी प्रसन्न होकर जीवन को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाते हैं।
प्रतिदिन अर्घ्य देने से शनि की बुरी दृष्टि का प्रभाव भी कम होता है और करियर में लाभ मिलता है।
छठ पर्व को विधिवत मनाने से सभी सूर्य दोष मिट जाते हैं।
नारियल का उपाय (सूर्य ग्रहण दोष निवारण):
यदि कुंडली में सूर्य ग्रहण का दोष हो, तो छह (6) नारियल अपने सिर पर से वार कर बहते जल में प्रवाहित करें।
आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ:
सूर्य देव का आशीर्वाद पाने और उन्हें प्रसन्न करने के लिए आदित्य हृदय स्तोत्र का नियमित पाठ करें।
दान करें:
आज के दिन गेहूं, गुड़ और तांबे का दान करें। इससे सूर्य ग्रह के दोष दूर होते हैं और वह मजबूत होता है।
व्रती की सेवा:
छठ का व्रत रखने वाले व्रतियों की सेवा करें और उनके पैर छूकर आशीर्वाद लें। इससे सूर्य देव और छठी मैया अत्यंत प्रसन्न होते हैं।
सूर्य को अर्घ्य क्यों दिया जाता है?
आत्मविश्वास और स्फूर्ति:सूर्य को आत्मा का कारक माना जाता है। सुबह सूर्य को जल चढ़ाने और दर्शन करने से शरीर में स्फूर्ति आती है, मन सकारात्मक होता है, निराशा दूर होती है और आत्मविश्वास बढ़ता है।
शारीरिक स्वास्थ्य: जल की धारा से उगते सूर्य को देखने से सूर्य की किरणें और जल का प्रभाव रंग संतुलन (Chromatic Balance) बनाता है और शरीर की प्रतिरोधात्मक शक्ति (Immunity) बढ़ती है।
मान-सम्मान और ज्ञान: अर्घ्य देने से घर-परिवार में मान-सम्मान बढ़ता है और सूर्य देव भक्त के जीवन को अंधकार से निकालकर ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाते हैं।
ग्रहों की मजबूती: प्रतिदिन अर्घ्य देने से कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है और शनि के दुष्प्रभाव भी कम होते हैं।
सूर्य से संबंधित दोष दूर करने के लिए विशेष उपाय:
यदि कुंडली में 'सूर्य ग्रहण' हो तो:
छह नारियल सिर पर से वार कर जल में प्रवाहित करें।
आदित्य हृदय स्तोत्र का नियमित पाठ करें।
सूर्य को जल (अर्घ्य) चढ़ाएं।
एकादशी और रविवार का व्रत रखें।
गेहूं, गुड़ और तांबे का दान दें।
यदि कुंडली में 'सूर्य कमजोर' हो तो:
भगवान विष्णु की उपासना करें और रविवार का व्रत रखें।
सूर्य को अर्घ्य दें।
घर से निकलने से पहले मुंह में मीठा डालकर ऊपर से पानी पीकर निकलें।
पिता का सम्मान करें और उन्हें हर तरह से प्रसन्न रखें।