पृथ्वी तत्व प्रधान मकर राशि का स्वामी शनि है और इसके कारक ग्रह बुध, शुक्र और शनि माने गए हैं। भाग चर है और मकर लग्न की बाधक राशि वृश्चिक तथा बाधक ग्रह मंगल है। लाल किताब अनुसार दशम भाव में मकर राशि मानी गई है जिसके शनि का पक्का घर आठ और दस माना जाता है। यदि आप मकर राशि के जातक हैं तो आपके लिए यहाँ लाल किताब अनुसार सामान्य सलाह दी जा रही है।
मकर राशि का ग्रह शनि होता है। यदि आपकी कुंडली में शनि खराब है तो आप निम्नलिखित सावधानी और उपाय अपना सकते हैं। शनि खराब होने की नीचे अशुभ की निशानी दी गई है। इससे आप पता लगा सकते हैं कि आपका शनि खराब है या नहीं।
अशुभ की निशानी
*शनि के अशुभ प्रभाव के कारण मकान या मकान का हिस्सा गिर जाता है या क्षति ग्रस्त हो जाता है।
*कर्ज या लड़ाई-झगड़े के कारण मकान बिक जाता है।
*अंगों के बाल तेजी से झड़ जाते हैं।
*अचानक आग लग सकती है।
*धन, संपत्ति का किसी भी तरह नाश होता है।
*समय पूर्व दांत और आंख की कमजोरी हो जाती है।
सावधानी
*दांत साफ रखें।
*बालों का ध्यान रखें।
*हड्डियां कमजोर न पड़ने दें।
*पराई स्त्री से संबंध न रखें।
*जुआ सट्टा न खेलें।
*ब्याज का धंधा न करें।
*शराब न पीएं।
*अंधे-अपंगों, सेवकों और सफाईकर्मियों से अच्छा व्यवहार रखें।
*यदि आयु भाव में स्थित हो तो धर्मशाला का निर्माण न कराएं।
*अष्टम भाव में होतो मकान न बनाएं न खरीदें।
*कुंडली के प्रथम भाव यानी लग्न में हो तो भिखारी को तांबा या तांबे का सिक्का कभी दान न करें।