कुंभ-स्वभावगत कमियां
कुंभ राशि के लोगों में आलस्य एवं आराम प्रकृति मुख्य दुर्गुण होते हैं। कभी-कभी ये लोग मद्यपान आदि के व्यसनी भी बन जाते हैं। अपनी इच्छा के विपरीत किसी छोटी सी बात या छोटे से काम को देखकर भी दुःखी हो जाते हैं। यदि इस राशि के लोग नीच घर में जन्म लें तो अत्यन्त धूर्त, मक्कार बेईमान, अविश्वासी तथा शिष्टाचार से रहित होते हैं। ये यात्रायें बहुत शौकीन होते हैं, परन्तु ये निष्फल होती हैं। इससे धन तथा स्वास्थ्य की हानि भी होती है। इस राशि वाले यदि सर्जनात्मक बनकर चलें, तो वे मानवतावादी बन सकते हैं, अन्यथा विनाशक भी सिद्ध होते हैं। ये अपने लक्ष्य को पाने के लिए आवेशग्रस्त अथवा हठी भी हो सकते हैं। कुंभ राशि के व्यक्तियों को अपनी मौलिकता एवं स्वतन्त्रता के दुरूपयोग की आशंका सताती रहती है। उन्हें अपने अधिक खर्चों के होने का भय भी सताता है। ये बड़े बातूनी तथा चुगलखोर होते हैं। ये न तो धन को इकट्ठा कर पाने में सफल हो पाते हैं और न किसी से इनकी मित्रता ही स्थायी रह पाती है। कमियों से बचने के उपाय इन्हें अपने जीवन में कष्ट के समय या चिंता के समय इंद्रनीलरत्न, पुष्पराज व मूंगा हाथ में पहनना चाहिए। शनिवार व गुरुवार का उपवास करें अथवा एकादशी या प्रदोषव्रत करने का नियम रखें। किसी एक देवता की उपासना करना चाहिए अथवा फालसा की जड़ पास में रखने से भी कष्ट दूर हो सकते हैं। इनके लिए शनिवार या बुधवार का व्रत सदैव लाभकारी रहेगा। लोहे का छल्ला भी मध्यामिका अंगुली में धारण करना लाभप्रद है। 'ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः' इस मत्र का जाप 23,000 करने से मनोकामना पूर्ति के लिए सहायक हैं।