वृश्चिक-स्वभावगत कमियां
प्रौढ़ता एवं बुद्धिमता के अभाव में वृश्चिक राशि के लोग स्वयं अपने लिए समस्याएं उत्पन्न कर लेते हैं। वृश्चिक राशि वाले अपनी उपेक्षा सहन नहीं कर पाते हैं। उनमें परस्पर विरोधी गुणों का अद्भुत मेल होता है। वह एक बार किसी से क्रुद्ध हो जाए तो उसे क्षमा करना नहीं जानते। यह लोग ऊपर से भले ही शांत दिखते हैं परन्तु इनके मन में बदला लेने की भावना घर किए रहती है और अवसर मिलते ही वह अपने शत्रु अथवा प्रतिद्वंद्वी पर निर्दयता-पूर्वक चोट करते हैं अथवा उसे अन्य प्रकार में हानि पहुंचाने का प्रयत्न करते हैं। कमियों से बचने के उपाय वृश्चिक राशि वाले व्यक्ति को जब भी कष्ट हो, तो हनुमान चालीसा, महामृत्युंजय जप करना श्रेष्ठ रहेगा। रामनाम का जप, रामायण पाठ, गायत्री जप तथा दत्त या शिव की भक्ति करें। गायत्री जप श्रेष्ठ है। बिना नमक के मंगलवार का उपवास करें अथवा मूंगा व पुष्पराज रत्न पहने अथवा नागजिह्वा की जड़ पास में रखें। इसमें के किसी भी एक उपाय से कष्ट दूर होगा। गेहूं, मसूर, गुड़, लाल वस्त्र, तांबा, लाल कनेर के पुष्प एवं लाल वस्तुओं का मंगलवार को दान करना शुभ है। हनुमानजी की उपासना लाभदायक है। मंगलवार का व्रत सदैव लाभकारी रहेगा। 'ॐ क्रां क्रीं, क्रौं सः भौमाय नमः' - इस मंत्र का 10,000 जाप करना मनोकांक्षा पूर्ति करने में सहायक है।