तृप्ति मिश्रा

Tripti Mishra
लगने लगता है तुम्हें नहीं पसंद है गियरलेस गाड़ी चलाना तुम्हारे लिए तो गियरलेस गाड़ियां बस औरतों के लिए बनी हैं मर्द तो गियर वाली गाडियां चलाया...
अलसुबह से देर रात मशीन सी भागती हूं मरे अस्तित्व के साथ आधी रात जागती हूं
सज गए बाजार चीनी पिचकारी से केमिकल से भरी हुई रंगीन सी क्यारी से पर इनमें टेसू वाली चमक कहां से लाऊं मैं
खो गयी कहीं है कोयलिया क्या तुमको है ये भास हुआ सूखे पोखर और पनघट
नाचती अट्टालिकाएँ हैं सड़क को मुँह चिढ़ाती चादरें हैं ओस की फुटपाथ अब सिकुड़े पड़े हैं
इस विरासत को तो उन्हें लेना ही पड़ता है इसी के अनुरूप सर्वस्व गढ़ना ही पड़ता है
विधान तो प्रथम और अंतिम शब्द एक ही रखने का है पर कई कवियों ने इस नियम का पालन नहीं किया है। जैसे काका हाथरसी की अनेक कुण्डलिया में इस विधान के बिना ही...
कुछ छंदों में मात्राएं गिनी जाती हैं और कुछ में वर्ण। साथ ही हर छन्द की एक विशिष्ठ लय भी होती है। किसी भी छन्द को लिखने से पहले हम अगर उसकी लय याद कर लें,...
अमीर खुसरो ने इस विधा पर बहुत काम किया। उनकी कई कह-मुकरियां बहुत प्रसिद्ध हैं। पर समय के साथ अन्य शास्त्रीय छंदों एवं नई कविता के आ जाने से इसका सृजन कम...
इबादत और दुआओं के न जाने न जाने कितने लफ्ज़ मिलते हैं दुनिया भर के फूल अब रोज़ मेरे फ़ोन में खिलते हैं
मेरे ख्यालात थरथरा उठे जब सुबह उठते ही उनके देहावसान की खबर सुनी। पीएन सर.... हां, हम सब जूनियर साहित्यकार इसी नाम से पुकारते थे आपको। मेरे पर्यावरण संरक्षण...
जब एक अनुभवी गृहिणी किसी कार्यक्षेत्र में आती है तो हर कार्य के लिए उसका एक अलग ही नज़रिया होता है। यही बात इंदौर जिले की उत्कृष्ट ग्राम पंचायत कोदरिया...