भाषा की चरम कलात्मकता मुझे छूती है और यही कारण है कि खोखें हुई बोर्खेज से लेकर गैब्रियल गार्सिया मार्खेज, आइजक बाशेविस सिंगर से लेकर इतालो काल्विनो मुझे...
मैं कभी भी स्पेन नहीं गया, डाली को मैंने कभी रूबरू नहीं देखा, फिर भी डाली ने मुझे विद्यार्थी जीवन से ही प्रभावित किया था। मेरी जीवनधारा कभी भी डाली की...
नोबेल पुरस्कार से सम्मानित कोलंबिया के महान उपन्यासकार गैब्रियल गार्सिया मार्केज कहते हैं
ब्लॉग की दुनिया ने अभिव्यक्ति की नई और कई खिड़कियाँ खोल दी हैं। एक तरफ ये खिड़कियाँ हमारा उस संसार से परिचय कराती हैं जो मीडिया की मुख्य धारा में आने से...
रेडियो से आती ख़बरों, बाहर खेलते बच्चों और बोरियत से बोर होकर खरीददारी करने निकली औरतों, साइबर कैफे में चैट करते लोगों के बीच। बहुत सारी दुनियादारी, लुच्चई,...
हिंदी पत्रकारिता के जाने-माने पत्रकार और स्तंभकार राजकिशोर का ब्लॉग विचारार्थ पढ़ते हुए जो बात सबसे पहले ध्यान खींचती है वह है छोटे-बड़े मुद्दों पर उनका...
सीरज सक्सेना युवा चित्रकार औऱ शिल्पकार हैं। हाल ही में उन्होंने अपना ब्लॉग बनाया है, जिस पर उनके कुछ लेख औऱ कविताएँ हैं। कई शहरों में उनकी चित्र प्रदर्शनियाँ...
मैं एक औरत के रूप में नाकामयाब हूँ। मेरा आदमी मुझसे बहुत ज्यादा अपेक्षाएँ रखता है। यह इस वजह से है क्योंकि उन्होंने अपने लिए मेरी एक छवि बना ली है और मैंने...
ब्लॉग की दुनिया में इतने सारे इलाके हैं कि वहाँ जाकर आप कई तरह के अनुभव हासिल कर सकते हैं, कई तरह के सुख और कई तरह के दुःख भी। और इस दुनिया में कई इलाके...
मुझे लगता है गीतकार स्वानंद किरकिरे के साथ ऐसा ही हुआ है जिन्हें हाल ही में फिल्म 'लगे रहो मुन्नाभाई' के गीत 'बंदे में था दम' के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार...
वह जादू ही क्या जो सिर चढ़कर न बोले। फुटबॉल ऐसा ही जादू है और यूरो-2008 में इसे सिर पर चढ़कर बोलता हुआ देखा जा सकता है। यह जीवन-मरण का घातक-रोमांचक खेल...
वे डरती नहीं। न बोलने से, न लिखने से। मन का लिखने से न कभी अपने को रोका, न टोका। आत्मकथा लिखी। उसमें अपने मन और शऱीर के छिलके उतारे। अपने अनुभवों में आए...
हिंदी में फिल्मों पर बेहतर साहित्य का अभाव है। यदि आप हिंदी पत्रिकाओं-अखबारों पर सरसरी निगाह ही डालेंगे तो पाएँगे कि यहाँ किसी भी फिल्म पर औसत दर्जे के...
दुनिया में करोड़ों लोग यूँ ही फुटबॉल के दीवाने नहीं हो गए हैं। खिलाड़ी इसके लिए जीते हैं और मरते हैं। आँसू बहाते हैं और सीना फुलाते हैं। जो हारते हैं...
ब्लॉग दुनिया में कई तरह के ब्लॉग हैं। सबद उनमें नया और अलग है। नया इसलिए नहीं कि यह दो महीने पहले शुरू किया गया है, नया इस अर्थ में है कि इसमें अनुराग...
मेरे पसंदीदा शायर मिर्जा गालिब के एक शेर को यदि अपने प्रिय गीतकार गुलजार के लिए इस्तेमाल करूँ तो वह कुछ यूँ होगा कि यूँ तो और भी गीतकार हैं बॉलीवुड में...
नमस्कार, इंडियन बाइस्कोप में उन सभी का स्वागत, जो भारतीय सिनेमा और उसके कलाकारों के असाधारण योगदान से अभिभूत हैं,, इंडियन बाइस्कोप उनको समर्पित, जिन्होंने...
ख्यात चित्रकार ईश्वरी रावल के एकदम ताजा चित्रों को देखकर मैंने यह फिर महसूस किया कि उनकी चित्रात्मा मालवांचल में बसती है। चाहे मूर्त हों या अमूर्त चित्र,...
मौत बेबात का फसाना है। जिंदगी ही असल कहानी है। मौत को धता बताती। पछाड़ती। लड़कर जीतती। यही सुप्रतिम है। अप्रतिम है। विचित्र किंतु सत्य। मानो या न मानो।...
जब चारों तरफ यह ढींढोरा पीटा जा रहा हो कि कविता अब कोई नहीं पढ़ता, हजार शिकायतें की जा रही हों कि कविता समझ में नहीं आती, यह प्रचारित किया जा रहा हो कि...