राजश्री दिघे चितले

स्वतंत्र लेखिका
संभ्रांत महिलाओं का सम्भाषण सुना जिसमें काम वाली बाइयों का उल्लेख था। किसी ने कहा क्या दो तनख्वाह देनी होंगी? मैंने तो फलां फलां को इतना दिया फिर भी उसने...
मां के गर्भ के नौ महीने और नवरात्रि के नौ दिवस, कितना खूबसूरत सा मेल है। सालों से नवरात्रि देखी और पूजन भी किया। इस बार एक विश्व प्रसिद्ध गरबा का हिस्सा...
कोरोना के लॉक डाउन में हम आसपास की आवाजों को भी महसूस कर पा रहे हैं। पक्षियों का चहचहाना, नन्हें बालकों का शोरगुल, किसी के आपसी मतभेद तो कभी किसी के टीवी...
हम जब इस महामारी से बाहर आएंगे तब परिवार के साथ बिताए इस समय, भावनाओं के बंधनों के निवेश को याद रखेंगे या भूल जाएंगे पता नहीं। किन्तु इस कठिन समय में लगी...
covid 19 यानि एक रावण ही समझ ले, इस सारे संघर्ष में श्रीराम के रूप में हर जगह अपनी उपस्थिति दर्ज कराते चिकित्सक, लक्ष्मण रूपी सारे नर्सेस, पैथोलॉजी स्टाफ...