•भारत के साथ दुनियाभर के बाजारों में उतारेंगे प्रोडक्ट
•2025 तक 10 हजार करोड़ का होगा बाजार
मुंबई। दुनिया की अग्रणी सेमीकंडक्टर कंपनी मीडियाटेक और जियो थिंग्स लिमिटेड ने दोपहिया बाजार के लिए 'मेड इन इंडिया' स्मार्ट डिजिटल क्लस्टर (smart digital clusters) और स्मार्ट मॉड्यूल (smart digital clusters) लॉन्च किए। इससे दोपहिया यानी टू-व्हीलर बाजार में और खासकर इलेक्ट्रिक वाहन (EV)कैटेगरी में हलचल मच सकती है।
जियो थिंग्स लिमिटेड एंड-टू-एंड इंटरनेट ऑफ थिंग्स सॉल्युशन्स देने वाली और जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड की एक सहायक कंपनी है। जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड के प्रेसीडेंट किरण थॉमस ने साझेदारी पर कहा कि जियो थिंग्स मोबिलिटी उद्योग में क्रांति लाने के लिए मीडियाटेक के साथ सहयोग करके खुश हैं।
मीडियाटेक के उन्नत चिपसेट को हमारे अत्याधुनिक डिजिटल सॉल्युशन्स के साथ इंटीग्रेट करके हम नए मानक स्थापित करेंगे, जो ग्राहकों के अनुभव को बेहतर बनाकर मोबिलिटी के भविष्य को बदल देगा। ग्राहकों को 'Jio ऑटोमोटिव ऐप सूट' तक पहुंच प्राप्त होगी जिससे उन्हें Jio Voice Assistant, JioSaavn, JioPages, JioXploR जैसी कई अन्य अनूठी सेवाएं बंडल के रूप में मिलेंगी।
जियो थिंग्स का स्मार्ट डिजिटल क्लस्टर AvniOS पर आधारित है। स्मार्ट डिजिटल क्लस्टर और ऑपरेटिंग सिस्टम रियल टाइम डेटा एनालिटिक्स करता है। वाहन पर बेहतर कंट्रोल के लिए इसमें शानदार इंटरफेस है, साथ ही ईजी कंट्रोल के लिए वॉयस की भी पहचान करता है।
मीडियाटेक के कॉर्पोरेट सीनियर वाइस प्रेसीडेंट और इंटेलिजेंट डिवाइस बिजनेस ग्रुप के महाप्रबंधक जेरी यू ने कहा कि मीडियाटेक द्वारा संचालित 2-व्हीलर स्मार्ट डिजिटल क्लस्टर पर जियो थिंग्स के साथ सहयोग IoT और ऑटोमोटिव दोनों क्षेत्रों में इनोवेशन को लेकर हमारी प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है। यह क्लस्टर 2-व्हीलर स्मार्ट डैशबोर्ड के भविष्य के लिए हमारे विजन के अनुरूप है।
कंपनी ने अपने बयान में कहा है कि अत्याधुनिक चिपसेट बनाने में मीडियाटेक की महारत और प्रोडक्ट इनोवेशन में जियो का इतिहास इस सॉल्युशन को न केवल भारत में बल्कि वैश्विक बाजारों में भी एक टर्न-की (Turnkey) आधार पर पेश करेगा।
भारतीय दोपहिया EV बाजार के 2025 के अंत तक 10,000 करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान है जिसमें 30 लाख से अधिक वाहन सड़क पर होंगे। जियो थिंग्स और मीडियाटेक के बीच यह सहयोग ऑटोमोटिव उद्योग में इलेक्ट्रॉनिक वाहनों की बढ़ती मांग को पूरा करेगा।