दिल्ली में सेकंड हैंड कारों की कीमत में 50% तक की बड़ी गिरावट आ गई है। ये गिरावट राष्ट्रीय राजधानी में पुरानी कारों पर लगी रोक के कारण आई है। उद्योग संगठन सीटीआई ने कहा कि पुरानी गाड़ियों की कीमतों में 40 से 50 प्रतिशत तक की गिरावट आ गई है। दिल्ली से पुरानी कारें आमतौर पर पंजाब, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, बिहार, तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल में बेची जाती हैं। हालांकि, बाहरी राज्यों से मांग के साथ आक्रामक सौदेबाजी भी हो रही है।
क्या आती है परेशानी
कारोबारियों को अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) लेने में भी परेशानी आ रही है। ये सर्टिफिकेट जरूरी होता है जब दिल्ली से पुरानी गाड़ियां किसी दूसरे राज्य में ट्रांसफर करनी होती हैं। पहले ये प्रक्रिया आसान थी, लेकिन अब इसमें देरी और तकनीकी अड़चनें बढ़ गई हैं। कुल मिलाकर पुराने वाहनों पर लगी पाबंदियों ने दिल्ली के सेकंड हैंड कार बाजार को गंभीर संकट में डाल दिया है। कारोबारी सरकार से राहत की उम्मीद कर रहे हैं ताकि उन्हें हो रहे नुकसान से कुछ राहत मिल सके।
दिल्ली में 1 जुलाई से लागू पुराने वाहनों पर प्रतिबंध को अस्थायी रूप से टाल दिया गया है। यह फैसला वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने पर्यावरण मंत्री की चिट्ठी के बाद लिया है। हालांकि ये राहत फिलहाल के लिए ही है, क्योंकि End of Life (EOL) वाहनों पर प्रतिबंध की कार्रवाई अभी भी पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। इस फैसले के बाद भी जब्त किए गए वाहनों के भविष्य को लेकर असमंजस बना हुआ है। Edited by: Sudhir Sharma