प्रसिद्ध कार निर्माता कंपनी निसान एक ऐसी टेक्नोलॉजी पर काम कर रही है जिसकी बदौलत अब कार भी इंसानी दिमाग पढ़ सकेगी। अब तक इंसानों के लिए अपने दिमाग से कार या बाइक जैसे वाहनों को दिशा-निर्देश देना महज एक सपना ही रहा है, ऐसे में निसान की यह नई टेक्नोलॉजी इस दिशा में पहला बड़ा कदम साबित हो सकता है।
तेजी से तरक्की करती टेक्नोलॉजी के फायदे हम रोजाना अपनी जिंदगी में देखते हैं। किसी जमाने में महज बात करने व मैसेज भेजने के काम आने वाला फोन भी अब टेक्नोलॉजी में तरक्की की बदौलत स्मार्ट हो चुका है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले कुछ समय में कारें भी स्मार्ट कार में तब्दील हो जाएंगी।
निसान ने अपनी एक ऐसी रिसर्च का खुलासा किया है जिसकी मदद से चालक के दिमाग से निकलती तरंगों को समझा जा सकेगा, इससे यह समझने में मदद मिलेगी कि कार का इस्तेमाल करते हुए लोगों का दिमाग किस तरह काम करता है।
इस टेक्नोलॉजी को ब्रेन-टू-व्हीकल या बी2वी टेक्नोलॉजी का नाम दिया गया है। कंपनी का दावा है कि बी2वी टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से कार के रिएक्शन टाइम को कम कर दिया जाएगा, साथ ही यह तकनीक आपकी आदतों को समझते हुए ड्राइविंग के अनुभव को और भी आरामदायक व मजेदार बना देगी।
निसान अपनी यह खास टेक्नोलॉजी सीईएस 2018 में पेश करेगी। यह टेक समारोह 9-12 जनवरी के बीच अमेरिकी शहर लास वेगास में आयोजित किया जाना है।
निसान की यह टेक्नोलॉजी ब्रेन डिकोडिंग तकनीक पर आधारित रिसर्च का नतीजा है। इसके लिए चालक को ड्राइव करते समय एक खास डिवाइस पहनना होगा। इस तकनीक में चालक की गतिविधियों पर नजर रख कर उसे होने वाली तकलीफों का पता लगाया जाता है। चालक के दिमाग से निकली तरंगों के द्वारा स्टीयरिंग घुमाने या स्पीड बढ़ाने/कम करने जैसी गतिविधियों के बारे में कार को पहले ही पता चल जाएगा जिससे असिस्ट टेक्नोलॉजी की मदद से इन सभी कामों को तेजी से किया जा सकेगा।
यदि निसान की यह तकनीक सफल हो पाती है तो भविष्य में इसे और बेहतर बनाया जा सकता है। संभवतः आने वाले समय में इंसान इन वाहनों को पूरी तरह अपने दिमाग से नियंत्रित कर सके, परन्तु फिलहाल वह दिन काफी दूर है। बहरहाल निसान की इस नई टेक्नोलॉजी से स्मार्ट कार की सोच को आगे बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी।