परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन में गोरक्ष पीठ के महंत और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गुरु अवैद्यनाथ का बहुत बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ को सूबे के मुख्यमंत्री के अधिकार से नहीं, अपितु गोरक्ष पीठ के पीठाधीश्वर की हैसियत से मंदिर ट्रस्ट में शामिल किया जाना चाहिए।
राम मंदिर ट्रस्ट में सनातन धर्म के अलावा किसी दूसरे धर्मावलंबी को सदस्य बनाए जाने पर ऐतराज करते हुए गिरि ने कहा कि सैकड़ों वर्षों से अधिक लंबे संघर्ष के बाद अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद का पटाक्षेप हुआ है। ट्रस्ट में किसी मुस्लिम या दूसरे धर्म के लोगों को शामिल करना भविष्य में किसी प्रकार के विवाद को जन्म दे सकता है। परिषद ऐसे किसी भी कदम का पुरजोर विरोध करेगा।