अयोध्या और श्रीराम की चर्चा में अब हनुमानजी की एंट्री

Ram Mandir Pran Pratistha Ceremony: पूरा देश धीरे-धीरे राम मय हो रहा है। देश दुनिया में अयोध्या स्थित राम जन्मभूमि पर बन रहे दिव्य और भव्य राम मंदिर को लेकर चर्चा है। करोड़ों रामभक्तों को उस दिन (22 जनवरी) का इंतजार है, जब उनके आराध्य प्रभु श्रीराम प्राण प्रतिष्ठा के साथ इस मंदिर में अपनी पूरी सज-धज के साथ विराजमान होंगे।

अब राम की चर्चा हो और उनके सबसे अनन्य भक्त हनुमान की चर्चा न हो, यह संभव नहीं। लिहाजा अयोध्या और श्रीराम की चर्चा के बीच हनुमान जी आ ही गए। इसका जरिया बना अयोध्या स्थित हनुमानगढ़ी का लड्डू। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार की पहल से इस लड्डू को जीआई (जियोग्राफिकल इंडिकेशन) टैग के लिए जो आवेदन किया गया था, उसे स्वीकार कर लिया गया है। उम्मीद है कि शीघ्र ही इसे जीआई टैग मिल जाएगा। फिर तो यह खास लड्डू अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के जरिए देश दुनिया में पहुंचकर लोगों को अपने स्वाद का कायल बनाएगा।
 
सदियों पुराना है हनुमानगढ़ी के लड्डू का इतिहास :  जीआई मैन कहे जाने वाले  पद्मश्री डॉ. रजनीकांत ने बताया कि हनुमानगढ़ी के लड्डू का इतिहास सदियों पुराना है। अलग चीजों से बनने वाले इन लड्डुओं का स्वाद भी खास होता है। इन्हीं खूबियों की वजह से इनके जीआई टैग दिलवाने की बात दिमाग में आई। सिडबी के वित्तीय सहयोग से ह्यूमन वेलफेयर एसोसिएशन ने हलवाई कल्याण समिति (अयोध्या) के जरिए इस बाबत आवेदन तैयार करवाकर जीआई रजिस्ट्री चेन्नई को भेजा।
 
इसी 8 जनवरी (सोमवार) को यह आवेदन स्वीकार कर लिया गया। जीआई टैगिंग वाला अयोध्या का एक मात्र उत्पाद होगा हनुमान गढ़ी का लड्डू, फिर तो यह भी जीआई प्राप्त अन्य उत्पादों की तरह भारत की बौद्धिक सम्पदा में शामिल होगा। हनुमान गढ़ी लड्डू के ब्रांड बनने से बढ़े कारोबार का लाभ वहां के हलवाई समाज को होगा। सरकार भी इसकी गुणवत्ता, ब्रांडिंग और पैकेजिंग को लेकर प्रयास करेगी। यूं भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा रही है कि प्रदेश के हर जिले के कुछ खास उत्पाद या उत्पादों को एक जिला, एक उत्पाद (ओडीओपी) में शामिल कर उसकी ब्रांडिंग के लिए हर स्तर पर संभव मदद दी जाए।
 
इसी मकसद से सरकार ने ओडीओपी योजना ही लांच की। यह योगी सरकार की सबसे सफल योजनाओं में से एक है। अयोध्या का ओडीओपी उत्पाद वहां का गुण है। हनुमानगढ़ी का लड्डू जीआई टैग प्राप्त करने वाला अयोध्या का पहला उत्पाद होगा।

जीआई टैग के लाभ  : जीआई टैग किसी क्षेत्र में पाए जाने वाले कृषि उत्पाद को कानूनी संरक्षण प्रदान करता है।जीआई टैग द्वारा कृषि उत्पादों के अनाधिकृत प्रयोग पर अंकुश लगाया जा सकता है। यह किसी भौगोलिक क्षेत्र में उत्पादित होने वाले कृषि उत्पादों का महत्व बढ़ा देता है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में जीआई टैग को एक ट्रेडमार्क के रूप में देखा जाता है। इससे निर्यात को बढ़ावा मिलता है, साथ ही स्थानीय आमदनी भी बढ़ती है। विशिष्ट कृषि उत्पादों को पहचान कर उनका भारत के साथ ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में निर्यात और प्रचार-प्रसार करने में आसानी होती है।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala

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