अयोध्या को पूरी तरह से छावनी में तब्दील कर दिया है, लेकिन अयोध्या में इतना कुछ होने के बाद भी रोजमर्रा के जीवन पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। आराम से रोज की तरह व्यापारी घर से निकलता है और शाम को घर वापस जाता है।
इसके चलते यहां के व्यापारी व व्यापारी नेता चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय जो भी हो, लेकिन मेला समाप्त होने के बाद फैसला आए तो बेहतर रहेगा क्योंकि परिक्रमा मेला व पूर्णिमा स्नान में लगभग 25 लाख भक्त आते हैं। अयोध्यावासियों का आर्थिक ढांचा भी काफी हद तक मेले व पूर्णिमा स्नान पर ही निर्भर है, इसलिए मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के चलते ही दुकानदारों की रोजी- रोटी चलती है।