गौमूत्र‍ चिकित्सा से होता है 5 बीमारियों में लाभ

गौमूत्र चिक्तिसा को बहुत से लोग सही मानते हैं और कई लोग इसे सही नहीं मानते हैं। गौमूत्र चिकित्सा का समर्थक इसके हर बीमार में लोग को प्रदर्शित करते हैं। हालांकि यह भी कहा जाता है कि इस चिकित्सा पर अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है। आओ जानते हैं कि इस चिक्तिसा के 5 लाभ।
 
 
1. गौमूत्र को सबसे उत्तम औषधियों की लिस्ट में शामिल किया गया है। वैज्ञानिक कहते हैं कि गौमूत्र में पारद और गंधक के तात्विक गुण होते हैं। यदि आप गौमूत्र का सेवन कर रहे हैं तो प्लीहा और यकृत के रोग नष्ट कर रहे हैं।
 
2. गौमूत्र कैंसर जैसे असाध्य रोगों को भी जड़ से दूर कर सकता है। गौमू‍त्र चिकित्सा वैज्ञानिक कहते हैं कि गाय का लिवर 4 भागों में बंटा होता है। इसके अंतिम हिस्से में एक प्रकार का एसिड होता है, जो कैंसर जैसे रोग को जड़ से मिटाने की क्षमता रखता है। गौमूत्र का खाली पेट प्रतिदिन निश्‍चित मात्रा में सेवन करने से कैंसर जैसा रोग भी नष्ट हो जाता है।
 
3. गाय के मूत्र में पोटैशियम, सोडियम, नाइट्रोजन, फॉस्फेट, यूरिया, यूरिक एसिड होता है। दूध देते समय गाय के मूत्र में लैक्टोज की वृद्धि होती है, जो हृदय रोगियों के लिए लाभदायक है।
 
4. गौमूत्र में प्रति-ऑक्सीकरण की क्षमता के कारण डीएनए को नष्ट होने से बचाया जा सकता है। गौमूत्र से बनी औषधियों से कैंसर, ब्लड प्रेशर, आर्थराइटिस, सवाईकल हड्डी संबंधित रोगों का उपचार भी संभव है।
 
5. गौमूत्र में नाइट्रोजन, सल्फर, अमोनिया, कॉपर, लौह तत्व, यूरिक एसिड, यूरिया, फॉस्फेट, सोडियम, पोटैशियम, मैगनीज, कार्बोलिक एसिड, कैल्सियम, विटामिन ए, बी, डी, ई, एंजाइम, लैक्टोज, सल्फ्यूरिक अम्ल, हाइड्रॉक्साइड आदि मुख्य रूप से पाए जाते हैं। यूरिया मूत्रल, कीटाणुनाशक है। पोटैशियम क्षुधावर्धक, रक्तचाप नियामक है। सोडियम द्रव मात्रा एवं तंत्रिका शक्ति का नियमन करता है। मैग्नीशियम एवं कैल्सियम हृदयगति का नियमन करते हैं।
 
- उपरोक्त और निम्न सभी पत्रिका 'गवाक्ष भारती', धर्मपाल की 'भारत में गौरक्षा...' और 'गौ की महिमा' पुस्तिका से साभार उद्धृत....

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