एलटीटीई ने स्वीकार कर लिया है कि उनके नेता वेलुपिल्लई प्रभाकरण मारे गए हैं। एलटीटीई ने बयान जारी कर इसकी पुष्टि की है। बयान पर संगठन के अंतरराष्ट्रीय संबंधों के प्रमुख सेल्वरसा पथमानाथन का हस्ताक्षर हैं।
बीबीसी के साथ इंटरव्यू में पथमानाथन ने बताया कि प्रभाकरण की मौत 17 मई
BBC
को हुई। हालाँकि उन्होंने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी कि किन परिस्थितियों में प्रभाकरण की मौत हुई। पथमानाथन ने कहा कि एलटीटीई तमिलों के अधिकार के लिए अहिंसक संघर्ष करेगी।
अहिंसक संघर्ष : बीबीसी संवाददाता चार्ल्स हैविलैंड ने बताया एलटीटीई के बयान में कहा गया है कि उनके 'अतुलनीय नेता'शहीद हो गए हैं।
पिछले हफ्ते श्रीलंका की सेना ने तस्वीरें जारी की थी और उनमें प्रभाकरण का शव दिखाया था। सेना का दावा है कि प्रभाकरण उस समय मारे गए, जब वे भागने की कोशिश कर रहे थे।
एलटीटीई ने अपने बयान में अपने नेता प्रभाकरण की मौत पर एक सप्ताह के शोक की घोषणा की है, जो 25 मई से शुरू होगा।
पथमानाथन के बयान में दुनियाभर के तमिलों से अपील की गई है कि वे दुःख की इस घड़ी में कोई ऐसी कार्रवाई न करें, जिससे उन्हें या किसी और को हानि हो।