महुआ मोइत्रा पर हीरानंदानी के 'हलफनामे' का अडाणी कनेक्शन क्या है?

BBC Hindi

शनिवार, 21 अक्टूबर 2023 (08:04 IST)
तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा की गंभीर शिकायत करते हुए एक कारोबारी ने संसदीय समिति को 'हलफ़नामा' भेजा है। तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा का नाम बीते पांच दिनों से मीडिया की सुर्खियों में छाया हुआ है।
 
ये सब कुछ शुरू हुआ बीते रविवार से जब महुआ मोइत्रा पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया है कि वह हीरानंदानी समूह के सीईओ दर्शन हीरानंदानी से 'कैश और महँगे तोहफ़ों लेकर' संसद में सवाल पूछती हैं, और उन्होंने लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला से महुआ मोइत्रा को निलंबित करने की माँग की।
 
शुक्रवार को मामला तब और गरम हो गया जब संसद की एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष विनोद सोनकर ने टीवी चैनल एनडीटीवी से एक्सक्लूसिव बातचीत में इस बात की पुष्टि की कि उन्हें "दर्शन हीरानंदानी का एक हलफ़नामा मिला है और ज़रूरत पड़ने पर महुआ मोइत्रा को तलब किया जा सकता है।"
 
यहाँ यह बताना ज़रूरी है कि अभी कुछ महीनों पहले अदानी समूह ने एनडीटीवी का अधिग्रहण किया है। महुआ मोइत्रा ने इन आरोपों को झूठा बताया है और कहा है कि वो अपना जवाब जाँच समिति को देंगी। बीबीसी ने महुआ मोइत्रा से इस मामले पर उनका पक्ष जानने के लिए संपर्क किया लेकिन उन्होंने बात करने से इनकार कर दिया।
 
मोइत्रा ने एक मैसेज के ज़रिए बीबीसी से इस बात की पुष्टि की कि उन्होंने 'झूठी, दुर्भावना से प्रेरित रिपोर्टिंग' का आरोप लगाते हुए 15 मीडिया कंपनियों को क़ानूनी नोटिस भेजा है।
 
स्पीकर को लिखी निशिकांत दुबे की चिट्ठी में आरोप लगाया गया है कि "महुआ मोइत्रा को हीरानंदानी ग्रुप के सीईओ दर्शन हीरानंदानी ने पैसे और मंहगे गिफ़्ट दिए और इसके बदले में महुआ ने उनके सवाल संसद में पूछे।"
 
चार पन्ने जिन्हें 'हलफ़नामा' बताया जा रहा है
सोशल मीडिया पर अंग्रेज़ी में लिखे चार पन्ने सर्कुलेट हो रहे हैं जिनके बारे में कहा जा रहा है कि वह दर्शन हीरानंदानी का 'हलफ़नामा' है उनमें मोइत्रा पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
 
सोशल मीडिया पर जो दस्तावेज़ पढ़ा जा सकता है उसमें लिखा गया है कि महुआ मोइत्रा ने संसद की वेबसाइट के लॉगइन और पासवर्ड दर्शन हीरानंदानी को दिए थे, जिसके ज़रिए वे महुआ की ओर से सवाल लिखते थे जिनका जवाब संबंधित मंत्रालयों से माँगा जाता था।
 
एनडीटीवी से एक्सक्लूसिव बातचीत में एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष ने कहा है कि बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे की शिकायत पर 26 अक्तूबर को सुनवाई होगी। विनोद सोनकर ने यह भी कहा कि दुबे से सबूत पेश करने को कहा गया है।
 
सोशल मीडिया और मीडिया में चल रही बयानबाज़ियों में कई किरदार शामिल हैं और जितने किरदार हैं उतनी ही ज़्यादा परतें हैं।
 
ये मामला शुरू कैसे हुआ और अभी क्या कुछ हो रहा है इसे पूरी तरह समझने के लिए उन किरदारों के साथ ये विवाद समझना ज़रूरी है।
 
यह सब कुछ शुरू कैसे हुआ
रविवार को निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप लगाया और उनके ख़िलाफ़ संसद के स्पीकर से जांच कर उन्हें सस्पेंड करने की अपील की।
 
निशिकांत दुबे ने ये आरोप सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्रइ की शिकायत पर लगाए हैं।
 
जय अनंत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ये बात मानी है कि उनकी शिकायत पर निशिकांत दुबे ने ये आरोप लगाया है।
 
इन आरोपों का जवाब देते हुए महुआ ने एक्स पर कई पोस्ट किए हैं।
 
रविवार को महुआ ने एक्स पर लिखा, "फर्जी डिग्रीवाले और बीजेपी के कई लोगों के खिलाफ़ कई विशेषाधिकारों के उल्लंघन का मामला लंबित है। स्पीकर मामलों पर कार्यवाही समाप्त करने के तुरंत बाद मेरे खिलाफ़ जाँच शुरू करें, मैं भी उस जांच का स्वागत करूँगी। साथ ही, इंतजार है कि ईडी भी मेरे दरवाज़े पर आने से पहले अदानी कोयला घोटाले में एफआईआर दर्ज करेगी।"
 
कौन हैं जय अनंत देहाद्राइ?
सबसे पहले जानते हैं कि वो शख़्स कौन है जिनकी शिकायत निशिकांत दुबे की चिट्ठी का आधार है यानी जिनके इनपुट पर ये पूरा मामला शुरू हुआ।
 
महुआ मोइत्रा ने जय अनंत देहाद्राइ को 'जिल्टेड एक्स' यानी निराश पूर्व प्रेमी कहा है।
 
जय अनंत की उम्र 35 साल है। जय अनंत की लिंक्डइन प्रोफ़ाइल के अनुसार वो सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं और उन्होंने पूर्व एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एएनएस नाडकर्णी के चैंबर में काम किया है।
 
वह अब अपनी प्रैक्टिस चलाते हैं जिसका नाम है- लॉ चैंबर्स ऑफ़ जय अनंत देहद्राइ। उन्होंने अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ़ पेंसिल्वेनिया से एलएलएम की पढ़ाई की है।
 
वह टाइम्स ऑफ़ इंडिया में 'द इर्ररेवरेंट लॉयर' नाम से अपने लेख भी लिखते रहे हैं।
 
उनके सोशल मीडिया अकाउंट एक्स को हमने खंगाला तो जय अनंत की कई तस्वीरें महुआ मोइत्रा के पालतू कुत्ते हेनरी के साथ मिलीं।
 
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि हेनरी को अपने पास रखने के लिए महुआ मोइत्रा और जय अनंत के बीच विवाद चल रहा है।
 
जय अनंत की एक्स फ़ीड बताती है कि वह राजनीतिक मुद्दे पर अपनी राय रखने में जरा भी नहीं हिचकते हैं।
 
अपने ट्वीट में उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को एक दूरदर्शी नेता बताया है तो एक ट्वीट में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को फ़र्जी हस्ताक्षर विवाद मामले में 'बेशर्म' कहा है।
 
हीरानंदानी का 'हलफ़नामा' क्या है
रविवार को जब ये आरोप सामने आए तो उसके एक दिन बाद हीरानंदानी ग्रुप ने बयान जारी कर बीजेपी सांसद के 'आरोपों को पूरी तरह ख़ारिज करते हुए बेबुनियाद' बताया।
 
लेकिन गुरुवार को दुबई में रहने वाले दर्शन हीरानंदानी के एक 'हलफ़नामे' की चर्चा शुरू हो गई जिसकी पुष्टि शुक्रवार को एथिक्स कमेटी के प्रमुख ने की।
 
महुआ मोइत्रा ने इन आरोपों पर जवाब देते हुए कहा है कि ये पूरा 'हलफ़नामा' ही 'मज़ाक' है, और इसका ड्राफ्ट 'पीएमओ में तैयार किया गया है।'
 
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक़ हीरानंनदानी ग्रुप के कॉरपोरेट कम्युनिकेशन विभाग ने इस इस दस्तावेज़ को मीडिया में जारी किया है। लेकिन बीबीसी इस दस्तावेज़ के प्रामाणिक 'हलफ़नामा' होने की पुष्टि नहीं कर सका है।
 
अडाणी कनेक्शन क्या है
जिन पन्नों को 'हलफ़नामा' बताया जा रहा है उनमें दर्शन हीरानंदानी ने कहा है, "जब मैंने मोइत्रा को अडाणी ग्रुप पर सवालों का पहला सेट संसद में पूछने के लिए दिया तो उन सवालों पर उन्हें विपक्ष और मीडिया के एक वर्ग से खूब समर्थन मिला। इसके बाद उन्होंने (महुआ मोइत्रा ने) मुझसे कहा कि मैं उन्हें अडाणी ग्रुप के ख़िलाफ़ सवाल पूछने में मदद करता रहूँ। इसके लिए उन्होंने मुझे संसद का अपना लॉगइन और पार्सवर्ड भी दे दिया ताकि मैं सीधे महुआ मोइत्रा की ओर से सवाल पोस्ट कर सकूँ।"
 
इन्हीं पन्नों में दर्शन हीरानंदानी ने कुछ पत्रकारों और मीडिया संस्थानों पर भी आरोप लगाया है कि वो महुआ मोइत्रा के संपर्क में थे और महुआ इन पत्रकारों से लगातार बातचीत करती रहती थी।
 
किसी सांसद और पत्रकारों के एक-दूसरे के संपर्क में रहने की बात में क्या अनैतिक या अनुचित है, या संपर्क में रहकर क्या किया गया, इन सबका इसमें कोई ज़िक्र नहीं है।
 
इन पन्नों में लिखा है, "अडाणी समूह पर संसद में सवाल पूछने के लिए वह कई लोगों जैसे सुचेता दलाल, शार्दुल श्रॉफ़ और पल्लवी श्रॉफ़ से मदद लेती थीं। ये लोग महुआ को अप्रमाणिक जानकारियां देते थे। राहुल गांधी भी उन्हें अदानी समूह पर संसद में सवाल पूछने में मदद करते थे। महुआ अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों फ़ाइनेंशियल टाइम्स, द न्यूयॉर्क टाइम्स और बीबीसी के पत्रकारों से भी अक्सर बातचीत करती रहती थीं।"
 
अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों का केवल ज़िक्र भर है, लेकिन कहीं कोई तथ्य, नाम, प्रमाण, विवरण या सबूत नहीं दिए गए हैं, पत्रकारों के सांसद से बातचीत करने को अनूठी घटना की तरह बताया गया है।
 
सुचेता दलाल वरिष्ठ बिजनेस पत्रकार हैं और वे हर्षद मेहता घोटाले सहित कई बड़े स्कैम को उजागर कर चुकी हैं, उन्होंने इस मामले में उनका नाम शामिल करने पर ट्वीट किया है।
 
सुचेता ने लिखा, "मैं महुआ मोइत्रा को निजी रूप से नहीं जानती हूँ। मैंने उनके ट्वीट कभी रिट्वीट किए होंगे। मैं पल्लवी श्रॉफ़ को भी नहीं जानती, बहुत पहले मैं शार्दुल श्रॉफ़ को जानती थी। मैं चुनौती देती हूं कि कोई भी मेरे और उनके बीच कोई लिंक साबित करे।"
 
एक दूसरे ट्वीट में सुचेता दलाल ने 27 फरवरी, 2023 को लिखी गई अपनी रिपोर्ट का हवाला दिया है। ये रिपोर्ट एस्सार समूह के कर्ज़ को माफ़ किए जाने को लेकर है।
 
सुचेता दलाल ने इस रिपोर्ट को जब ट्विटर पर शेयर किया था तो महुआ मोइत्रा ने इस पर कमेंट करते हुए लिखा था, "सुचेता रिपोर्ट की जानकारी मेरे साथ शेयर करें।"
 
इसके बारे में जानकारी देते सुचेता ने शुक्रवार को लिखा, "महुआ मोइत्रा के जानकारी मांगने के बावजूद मैंने इससे जुड़ी जानकारी उनसे साझा नहीं की।"
 
महुआ मोइत्रा ने अब तक क्या कहा है
रविवार से लेकर गुरुवार तक, हर दिन इस मामले में एक के बाद एक आरोप सामने आ रहे हैं। महुआ मोइत्रा जो संसद में बेबाक तरीके से सवाल पूछने के लिए जानी जाती हैं।
 
महुआ उन चंद सांसदों में शामिल हैं जो गौतम अदानी की कंपनी अदानी समूह से जुड़ी कथित वित्तीय अनियमितताओं पर मुखर होकर सवाल पूछती हैं।
 
इस पूरे विवाद पर महुआ मोइत्रा ने दावा किया है कि "बीजेपी चाहती है कि वो किसी तरह मुझे लोकसभा से निलंबित कर दे और अदानी पर मेरे सवालों को लेकर मेरा मुंह बंद कर दे।"
 
हीरानंदानी समूह का जवाब आने के बाद महुआ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर विस्तृत बयान जारी किया है।
 
महुआ ने लिखा है, "तीन दिन पहले हीरानंदानी समूह ने प्रेस रिलीज़ जारी कर कहा था कि उनके ख़िलाफ़ आरोप बेबुनियाद हैं। आज उन्होंने आरोपों पर सहमति जताते हुए हलफ़नामा दायर कर दिया। ये हलफ़नामा एक सादे सफ़ेद कागज़ पर लिखा है, जिस पर समूह का लेटरहेड भी नहीं है। बयान के आखिर में एक हस्ताक्षर है और ये भी नहीं दर्ज है कि हलफ़नामा कहां पर और किस वक़्त लिखा गया है।"
 
आम तौर पर इस तरह के कानूनी और आधिकारिक दस्तावेज कंपनी के लेटरहेड पर लिखे जाते हैं और उनके आखिर में लिखने वाले का नाम, हस्ताक्षर, लिखने वाले का पता या ईमेल और कंपनी की आधिकारिक मुहर होती है।
 
अदानी समूह ने भी इस मामले पर बयान जारी किया है। बयान में कहा गया है, "सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील जय अनंत ने सीबीआई को भेजी गई शिकायत में ये बताया है कि कैसे सांसद महुआ मोइत्रा और हीरानंदानी ग्रुप के सीईओ दर्शन हीरानंदानी ने मिलकर एक आपराधिक साजिश के तहत अदानी ग्रुप और गौतम अदानी को निशाना बनाया। ये शिकायत हमारे नौ अक्टूबर को जारी किए गए बयान को सही साबित करता है कि कुछ समूह और लोग हमारे नाम और साख को नुकसान पहुंचाने के लिए ओवरटाइम काम कर रहे हैं।"
 
महुआ मोइत्रा ने सीबीआई जाँच की मांग पर कहा है, "मेरे ख़िलाफ़ कथित मनी लॉन्ड्रिंग केस में सीबीआई की जाँच का स्वागत है, लेकिन उससे पहले सीबीआई को अदानी के ऑफ़शोर मनी ट्रेल, बिलिंग, बेनामी खातों की जाँच पूरी करनी चाहिए और इसके तुरंत बाद मेरी जाँच करें।"
 
कांग्रेस नेता अधीरंजन चौधरी ने कहा कि सरकार एक ख़ास व्यक्ति या एक ख़ास उद्योगपति के कारण मुश्किलों का सामना कर रही है।
 
"सरकार एक विशेष उद्योगपति को बचाने के लिए इतना तत्पर क्यों है, कोई भी अगर ये सवाल पूछता है तो हो सकता है कि उसे देश का दुश्मन बता दिया जाए। खुद राहुल गांधी ने जब एक विशेष उद्योगपति के मुनाफ़े पर सवाल खड़ा किया तो उन पर भी कार्रवाई की गई। मैंने इस तरह एथिक्स कमेटी बनाकर आनन फानन में जांच शुरू करने का मामला मैंने कभी नहीं देखा है।"
 
शिवसेना (यूबीटी) के नेता अरविंद सावंत ने कहा, "अगर आपमें (बीजेपी) में साहस है तो उनसे लड़िए... वो एक शेरनी है। संसद में वो खुलकर बोलती हैं। ये सत्तारूढ़ी पार्टी को लगता है। उसका जवाब देने के लिए उनके पास कुछ नहीं है। इसीलिए अब वे चरित्र हनन पर उतर आए हैं। मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं।"
 
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा, "पैसे लेकर सवाल पूछे जाते हैं और महुआ मोइत्रा के ऊपर ऐसे आरोप लगे हैं। इससे पहले भी एक स्टिंग आपरेशन हुआ था जिसमें कई सांसदों के नाम आए थे। अगर महुआ ने ऐसा कुछ किया है तो उनपर कार्रवाई होनी चाहिए।"

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