केजरीवाल के ट्वीट पर विवेक तिवारी की पत्नी को ऐतराज़

Webdunia
सोमवार, 1 अक्टूबर 2018 (12:43 IST)
उत्तर प्रदेश पुलिस के एक सिपाही की गोली से लखनऊ में शुक्रवार की रात मारे गए विवेक तिवारी पर राजनीतिक बयानबाज़ी तेज हो गई है। तिवारी के बारे में मिली जानकारी के मुताबिक वो एपल कंपनी में एरिया मैनेजर थे। 38 साल के तिवारी की मौत के बाद से उत्तर प्रदेश की योगी सरकार और पुलिस की कार्यप्रणाली पर कई गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
 
 
रविवार सुबह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मामले को लेकर ट्विटर पर भारतीय जनता पार्टी को घेरने की कोशिश की।
 
 
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "विवेक तिवारी तो हिंदू था? फिर उसको इन्होंने क्यों मारा? भाजपा के नेता पूरे देश में हिंदू लड़कियों का रेप करते घूमते हैं? अपनी आँखों से पर्दा हटाइए। भाजपा हिंदुओं की हितैषी नहीं है। सत्ता पाने के लिए अगर इन्हें सारे हिंदुओं का क़त्ल करना पड़े तो ये दो मिनट नहीं सोचेंगे।''
 
 
दोपहर में उनका एक और ट्वीट आया, "एक बेगुनाह हिन्दू को दिनदहाड़े गोली मार दी। उनके हत्यारे से थाने में बिठा कर प्रेस कॉन्फ़्रेन्स करवाते हो। आपका मंत्री उनको अपराधी घोषित करता है। उनके लिए जब हम न्याय माँगते हैं तो भाजपा वाले कहते हैं हमारी ओछी सोच है?"
 
 
शाम होते होते केजरीवाल ने दिल्ली के ग्रेटर कैलाश से विधायक सौरभ भारद्वाज के एक ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा, "बिलकुल। जिस लड़की का भाजपा विधायक सेंगर ने बलात्कार किया, वो भी हिंदू थी। अब तो अपनी आँखों से पट्टी हटाओ। भाजपा हिंदुओं का मर्डर करती है, हिंदुओं की बेटियों से बलात्कार करती है, फिर भाजपा हिंदुओं की हितैषी कैसे हो सकती है?"
 
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विवेक तिवारी तो हिंदू था? फिर उसको इन्होंने क्यों मारा? भाजपा के नेता पूरे देश में हिंदू लड़कियों का रेप करते घूमते हैं?

अपनी आँखों से पर्दा हटाइए। भाजपा हिंदुओं की हितैषी नहीं है। सत्ता पाने के लिए अगर इन्हें सारे हिंदुओं का क़त्ल करना पड़े तो ये दो मिनट नहीं सोचेंगे https://t.co/A2LhxrVNpv

— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 30, 2018 >
'राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं केजरीवाल'
केजरीवाल के ट्वीट पर मीडिया ने जब लखनऊ में विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना से पूछा तो उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री पर 'राजनीतिक रोटिया सेंकने' का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वो इस मामले को जबरन धर्म से जोड़ रहे हैं।
 
 
कल्पना ने कहा, "केजरीवाल को ऐसा नहीं कहना चाहिए। किसी भी मैटर में जाति को सामने लेकर नहीं आना चाहिए। क्या मोदी जी की सरकार किसी भी जाति को ऊपर या नीचे करके देखती है? वो सबको बराबर देखते हैं। अरविंद केजरीवाल जी को अपने ट्वीट के ऊपर सोचना चाहिए। हर मैटर को धर्म से नहीं जोड़ना चाहिए। उन्होंने राजनीतिक रोटियां सेंकनी शुरू कर दी। उनका ट्वीट ग़लत है। उन्हें ऐसा नहीं बोलना चाहिए। ऐसा ट्वीट नहीं करना चाहिए था।"
 
 
बेटियों की सुरक्षा की चिंता
कल्पना ने एबीपी न्यूज़ चैनल से कहा कि उन्हें बेटियों की सुरक्षा की चिंता सता रही है। उन्होंने कहा, "पुलिस कॉन्स्टेबल मेरे पति का हत्यारा है। मुझे उस हेड कॉन्स्टेबल पर भरोसा नहीं है। वो मुझे और मेरे बच्चों को नुक़सान पहुंचा सकता है।"
 
 
उन्होंने बताया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल का फ़ोन आया था। कल्पना ने कहा कि केजरीवाल ने समर्थन का वादा किया है।
 
 
उपमुख्यमंत्री पहुंचे मिलने
कल्पना की मांग थी कि मुख्यमंत्री योगी उनके घर पर आएं तभी उनके पति विवेक की अंत्येष्टि होगी। हालांकि योगी तो नहीं आए, लेकिन प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पहुंचे तो अंत्येष्टि हुई। केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, "सरकार इस घटना से दुखी है। तत्काल ऐसे क़दम उठाए जा रहे हैं, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाएं नहीं हों। हम दोषियों को कड़ी से कड़ी सज़ा दिलाएंगे।"
 
 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी मीडिया से कहा, "यह बहुत दुखद घटना है। सरकार ऐसे अपराध बर्दाश्त नहीं करेगी। इस मामले में त्वरित कार्रवाई की गई। अभियुक्त को गिरफ़्तार किया गया और मामला दर्ज कर लिया गया। परिवार के लिए सरकार उनकी ज़रूरतों के मुताबिक़ सभी सहायता मुहैया कराएगी।"
 
 
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी मृतक विवेक तिवारी के परिवार के साथ संवेदना प्रकट करते हुए पांच करोड़ रुपए की आर्थिक मदद की मांग की।

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अत्यंत दुःख की घड़ी में स्व विवेक तिवारी जी के आवास पर अपने पार्टी एवं सरकार की तरफ से संवेदना व्यक्त करते हुए परिवार को पार्टी, सरकार एवं व्यक्तिगत रूप से सहयोग हेतु आश्वस्त किया! हमारी सरकार स्व विवेक तिवारी जी और उनके परिवार को न्याय दिलाएगी एवं हर संभव मदद करेगी । pic.twitter.com/2jHskpk0sg

— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) September 30, 2018 >
प्रत्यक्षदर्शी सना ख़ान ने क्या कहा?
विवेक तिवारी की हत्या की चश्मदीद सना ख़ान को पुलिस ने शुरू में मीडिया से बात नहीं करने दी मगर बाद में दबाव पड़ा तो उन्हें पत्रकारों के सामने लाया गया।
 
सना ने इस घटना के लिए पुलिसकर्मियों को ज़िम्मेदार ठहराते हुए कहा, "न तो हम रुके हुए थे और न ही आपत्तिजनक अवस्था में थे। हमारी ओर से कोई उकसावा नहीं था मगर कॉन्स्टेबल ने गोली चला दी।"
 
सना ख़ान ने पत्रकारों से कहा, "हम कार्यक्रम से निकले और सर ने कहा कि वो मुझे घर छोड़ देंगे। मक़दूमपुर पुलिस पोस्ट के पास बाईं ओर से दो पुलिसवाले कार के बराबर आकर चलने लगे। वे चिल्लाए- रुको। मगर सर, गाड़ी चलाते रहे क्योंकि रात का समय था और उन्हें मेरी सुरक्षा की चिंता भी थी।"